इंडोनेशिया के बाली में जी20 समिट 16 नवंबर को संपन्न हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जी20 को वैश्विक बदलावों का जरिया बनाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता समावेशी और महत्वाकांक्षी होगी। अगले एक साल में हमारा प्रयास रहेगा कि जी20 सामूहिक कार्रवाई को गति देने के लिए ग्लोबल प्राइम मूवर के रूप में काम करे। दुनिया को भारत और जी20 देशों से उम्मीद है। पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है।
– बाइडेन ने दी अहमियत
– सुनक देंगे 3 हजार वीजा
– जी20 एकजुटता से काम करे
– महिलाओं को देंगे प्राथमिकता
पीएम मोदी ने कहा कि हमें महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देना होगा। ये हमारी प्राथमिकता होगी और साथ ही यह जी20 का एजेंडा भी होगा। मेजबान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से अगले साल के लिए जी20 की अध्यक्षता भारत को सौंपे जाने के बाद पीएम मोदी ने उपरोक्त विचार व्यक्त किए।
बाली में मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मिले। इस विश्व मंच पर भारत की अहमियत कितनी है, इसकी मिसाल 15 नवंबर को प्रथम सत्र के दौरान मिली। हुआ यह कि मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति को देख नहीं पाए। वो सीट से उठकर दूसरी तरफ जा रहे थे तभी अमेरिकी प्रेसिडेंट ने उन्हें पुकारा और फिर दोनों गर्मजोशी से मिले। इमैनुएल मैक्रों भी वहां पहुंचे और कुछ देर तक तीनों नेता बातचीत करते रहे।
इसके बाद ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और मोदी की मुलाकात दो बार हुई। 15 को अनौपचारिक तो 16 नवंबर को औपचारिक तौर पर वार्तालाप हुआ। ब्रिटेन ने लगे हाथ ऐलान कर दिया कि 3 हजार भारतीयों को नए वीजा जारी होंगे।
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर चर्चा
अंतिम दिन डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर चर्चा के दौरान मोदी ने कहा कि कई टेक इनोवेशन हमारे युग के बड़े ट्रांसफॉर्मेशन का हिस्सा बन गए हैं। गरीबी से लड़ने में टेक्नोलॉजी ने काफी मदद की है। डिजिटल सॉल्यूशन क्लाइमेट चेंज जैसी चुनौतियों से निपटने में मददगार साबित हो सकते हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मिले पीएम मोदी
जी20 के समापन सत्र के पहले पीएम मोदी की फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत हुई। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ भी इसी मुद्दे पर विचार-विमर्श हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से भी भेंट की। इस दौरान दोनों नेताओं ने ट्रेड और निवेश के मुद्दे पर चर्चा की।
जिनपिंग से सिर्फ हाय-हैलो
15 नवंबर की रात जी20 की परंपरा के मुताबिक मेजबान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने डिनर होस्ट किया था। यहां जी20 के तमाम राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहे। इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आमने-सामने हुए तो दुआ सलाम हुई। गलवान झड़प की घटना के बाद यानि कि करीब 3 वर्ष के उपरांत दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थी।
नई दिल्ली। इंडोनेशिया के बाली में हुआ जी 20 शिखर सम्मेलन ‘युद्ध के युग’ को खारिज करने वाले पीएम मोदी के बयान को अपने मसौदे में शामिल करने जा रहा है। यह भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक प्रशंसनीय उपलब्धि है।
सूत्रों के मुताबिक यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की निंदा करते हुए जी-20 अब ‘आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए’ पंक्ति का उपयोग करेगा। दिलचस्प बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये बयान समरकंद में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी बैठक के दौरान युद्ध के खिलाफ उनकी टिप्पणी से प्रेरित है। बयान के मसौदे के मुताबिक, जी-20 रूस के साथ यूक्रेन के अनाज सौदे के विस्तार की भी मांग करेगा जो आने वाले दिनों में समाप्त होने जा रहा है।
जानिए क्या-क्या है मसौदे में
मसौदे में कहा गया है कि इस साल हमने यूक्रेन में युद्ध को वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालते देखा है। कई देशों ने हमारी स्थिति को दोहराया है और अधिकांश सदस्यों ने यूक्रेन में युद्ध की कड़ी निंदा की है। यह अत्यधिक मानवीय पीड़ा दे रहा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मौजूदा कमजोरियों को बढ़ा रहा है।
परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या इस्तेमाल की धमकी अस्वीकार्य है। संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान, संकटों को दूर करने के प्रयास, कूटनीति और संवाद महत्वपूर्ण हैं। आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए।