ब्लिट्ज ब्यूरो
नोएडा। ग्रेटर नोएडा के जिम्स में टीबी के सटीक इलाज के लिए अत्याधुनिक कल्चर एंड ड्रग सेंसिटिविटी टेस्टिंग लैब शुरू होने जा रही है। इसके शुरू होने से अब संदिग्ध मरीजों के नमूने जांच के लिए मेरठ नहीं भेजे जाएंगे, बल्कि यही जांचे जाएंगे। इस जांच को करने वाली यह छठी लैब होगी। वर्तमान में यह लैब बनारस, लखनऊ, बरेली, आगरा और मेरठ में है। ग्रेटर नोएडा में लैब की शुरुआत के बाद आसपास के जिलों के मरीजों के नमूनों की भी जांच यहां हो सकेगी, जिससे रिपोर्ट जल्द मिलने की उम्मीद है।
दूसरे जिलों के मरीजों के नमूनों की जांच का बोझ
वर्तमान में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नमूने बरेली, मेरठ और आगरा में जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। वहां पहले से ही दूसरे जिलों के मरीजों के नमूनों की जांच का बोझ है। ऐसे में जांच रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाता है।
बैक्टीरिया के प्रकार के अनुसार दवा की जानकारी मिलेगी
जिम्स की लैब में करीब दो करोड़ रुपये के उपकरण और मशीनें लगाई गई हैं। जिला टीबी नियंत्रण अधिकारी डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि लैब शुरू होने से जिले के मरीजों की जांच यहीं हो सकेगी। इससे जांच रिपोर्ट जल्द मिलेगी। साथ ही, टीबी के बैक्टीरिया के प्रकार के अनुसार दी जाने वाली दवा की जानकारी मिल जाएगी जो सटीक इलाज में सहायक होगी।
एक हजार से ज्यादा मरीज
जिले में एक हजार से ज्यादा टीबी के मरीज हैं, जिनका इलाज चल रहा है। नए मरीजों की पहचान के लिए अभियान चल रहा है।
कार्यशाला आयोजित होगी : जिम्स में ही प्रदेश टीबी नियंत्रण की कार्यशाला भी आयोजित होगी। इस दौरान प्रदेश के 45 जिलों के टीबी अधिकारी सहित स्वास्थ्य निदेशालय के अधिकारी भी शामिल होंगे। बीमारी से निपटने के लिए भविष्य की रणनीति बनाई जाएगी। साथ ही, टीबी नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा भी होगी। इस दौरान टीबी से संबंधित जांच, दवा, मरीजों की स्थिति आदि पर चर्चा होगी।
जांच से दवा की जानकारी
कल्चर और ड्रग सेंसिटिविटी टेस्टिंग लैब में टीबी के बैक्टीरिया की जांच होगी। इसकी जांच के बाद बीमारी के इलाज में कौन सी दवा सबसे ज्यादा कारगर होगी, इसकी जानकारी मिलेगी। लिहाजा जांच रिपोर्ट के आधार पर मरीज को दवा दी जाएगी ताकि सटीक इलाज हो सके। वर्तमान में यहां सिर्फ एक दवा से संबंधित कल्चर और सेंसिटिविटी की जांच हो पाती है।