ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत और अमेरिका ने आतंकवादियों की अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर अंकुश लगाने के उपायों पर चर्चा की। दोनों ने सभी देशों से तत्काल ऐसे अपरिवर्तनीय कदम उठाने को कहा जिससे यह सुनिश्चित हो कि उनके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी हमलों के लिए नहीं हो।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी संगठनों से उत्पन्न खतरों पर विचारों का भी आदान-प्रदान किया और अल-कायदा, आईएसआईएस/दाएश, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अल बदर जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया। विदेश मंत्रालय ने भारत-अमेरिका आतंकवाद रोधी संयुक्त कार्य समूह की 19वीं बैठक और ‘भारत-अमेरिका डेजिग्नेशंस डायलॉग’ के पांचवें सत्र के बाद यह बयान जारी किया। यह दोनों कार्यक्रम दिल्ली में को हुए।
अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के सभी स्वरूपों की कड़ी निंदा की
परोक्ष रूप से पाकिस्तान के संदर्भ में विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष आतंकवादी प्रॉक्सी का उपयोग करने, सीमा पार से आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के सभी स्वरूपों की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने 26/11 मुंबई और पठानकोट हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं को न्याय की जद में लाने की बात कही। दोनों पक्षों ने दोनों देशों के लिए सुरक्षा और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए अपनी गहरी रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि की और दोहराया कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका ने आतंकवाद का मुकाबला करने के वैश्विक प्रयासों में भारत के नेतृत्व और हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आतंकवाद रोधी समिति की एक विशेष बैठक की मेजबानी की सराहना की।