ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। जी20 विकास कार्यसमूह की बैठक को संबोधित करते हुए भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि किसी भी देश के लिए विकास लक्ष्यों को पाने के लिहाज से आंकड़े अहम पहलू होते हैं और भारत को इसका लाभ मिला भी है।उन्होंने कहा कि सरकार को आंकड़ों का प्रसार इन्हें खंड-खंड करके करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जानकारियों को पूर्ण रूप में साझा करना ‘ठीक नहीं है।’ आंकड़ों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर देते हुए कांत ने आंकड़ों को जुटाने के सरकार के तौर-तरीकों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, सरकारी आंकड़े अपने पूर्ण रूप में उपलब्ध करवाए जाते हैं जो अच्छा नहीं है। हमें इन्हें तोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई बार आंकड़ों की गुणवत्ता भी बहुत खराब होती है। इनकी गुणवत्ता को बेहतर बनाना बहुत आवश्यक है। कांत ने कहा कि सरकारी अधिकारियों की प्रवृत्ति आंकड़ों को अपने अधिकार में, अपने तक सीमित रखने की होती है, वे इन्हें साझा नहीं करना चाहते।
उन्होंने कहा, हमें इस चुनौती से निपटना होगा ताकि अकादमिक क्षेत्र के लोग और शोधकर्ता आंकड़ों का विश्लेषण कर सकें और बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए इनका उपयोग कर पाएं। उन्होंने कहा, आंकड़ों और सुशासन के अभाव में कोई भी कम विकसित या विकासशील देश अपने विकास में वृद्धि नहीं कर पाएगा।