ललित दुबे
वाशिंगटन। अमेरिका में पिछले तीन महीनों के दौरान लेऑफ के शिकार हुए 70 हजार से ज्यादा एच1बी वीजाधारक भारतीयों को बड़ी राहत मिली है। ऐसे लोगों को दूसरी नौकरी ढूंढ़ने के लिए 60 दिन की ग्रेस अवधि को बढ़ाकर अब 180 दिन करने की सिफारिश की गई है। इमीग्रेशन पर व्हाइट हाउस की एडवाइजरी कमेटी (एएएनएचपीआई) की चीफ कमिश्नर सोनल शाह और सब कमेटी के सहअध्यक्ष अजय भूतोरिया की पहल पर यह सिफारिश की गई है।
कमेटी के इन दोनों भारतवंशियों ने छंटनी के शिकार हुए प्रोफेशनल्स के लिए मसौदा तैयार किया, साथ ही कमेटी के अन्य सदस्यों को भी ग्रेस अवधि में इजाफे के लिए समझाया। ग्रेस अवधि बढ़ने से अमेरिका में एच1 बी वीजा पर काम कर रहे लगभग सवा चार लाख लोगों को राहत मिलेगी। कमेटी की ओर से की गई सिफारिशें अब परमिट कमीशन के पास जाएंगी और अमेरिकी राष्ट्रपति औपचारिक मंजूरी देंगे।
सौ से ज्यादा बैठकें की गईं
कमेटी की चीफ कमिश्नर सोनल शाह ने बताया कि पिछले कुछ समय के दौरान एच1 बी वीजा की ग्रेस अवधि बढ़ाने के लिए विभिन्न एजेंसियों के साथ एक सौ से ज्यादा बैठकें की गईं।
अब ग्रीन कार्ड को आसान बनाएंगे
सब कमेटी के सह अध्यक्ष अजय भूतोरिया का कहना है कि वीजा ग्रेस अवधि बढ़ाने के बाद अगला एजेंडा एनआरआई (अप्रवासी भारतीय) के लिए ग्रीन कार्ड को आसान बनाना है। दशकों से चल रहे ग्रीन कार्ड बैकलॉग को दूर किया जाएगा। जून से प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
क्या है अमेरिका का एच1 बी वीजा
अमेरिकी एच1 बी वीजा अप्रवासियों को दिया जाने वाला वर्क वीजा है। अमेरिकी आईटी, फाइनेंस और इंजीनियरिंग कंपनियां विदेशी प्रोफेशनल्स को एच1बी वीजा से काम पर रख सकती हैं। इसी प्रकार एल1 वीजा कंपनियों के बीच ट्रांसफर होने की स्थिति में मिलता है। हाल में छंटनी के शिकार भारतीयों के लिए एच1 वीसा कैटेगरी भी खोली गई है, जिससे अब वे सेना और इंटेलिजेंस में भी काम कर सकेंगे।