दीपक द्विवेदी एवं विनोद शील
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के 50 किलोमीटर लंबे रोड शो के बाद 16 जनवरी को दिल्ली में रोड शो किया। इसके बाद वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने पहुंचे। बैठक से ठीक पूर्व पीएम मोदी का रोड शो करना राजनीति के गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि आने वाले दिनों में दिल्ली में कोई चुनाव भी नहीं है। हालांकि इसी साल के अंत में 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव जरूर होने हैं। अगर इसमें जम्मू-कश्मीर को भी मिला लें तो कुल 10 राज्य हैं जहां चुनाव कराए जाने हैं। इसके बाद 2024 में लोकसभा के चुनाव भी प्रस्तावित हैं। ऐसे में पीएम मोदी का रोड शो करना कई संकेत देता है।
इस रोड शो का सबसे बड़ा संकेत तो यही है कि स्वयं पीएम मोदी 2024 में आने वाले लोकसभा चुनावों में अपनी बड़ी जीत यानी लैंड स्लाइड विक्ट्री के प्रति पूरी तरह आश्वस्त हैं। वे यह बात भलीभांति समझते हैं कि भारत का मतदाता अब विकास के आगे खोखले नारों को तवज्जो नहीं देता है। यह बात हाल ही में गुजरात में संपन्न हुए चुनावों ने सिद्ध कर दी है जहां भाजपा को प्रचंड विजय मिली। गुजरात के मतदाताओं ने अन्य राजनीतिक दलों के लोकलुभावन नारों को दरकिनार कर भाजपा को प्रचंड बहुमत से जीत दिलाई और पीएम मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के मंत्र की महत्ता को चरितार्थ कर दिया। यही नहीं, पीएम मोदी के विकास के नारे को आज विश्व का भी समर्थन मिल रहा है। दुनिया आज के गंभीर अर्थिक संकट के दौर के बीच भी भारत के विकास की निरंतर गति के मॉडल को आश्चर्यचकित हो कर निहार रही है। तय कार्यक्रम के अनुसार, पीएम मोदी ने पटेल चौक से रोड शो शुरू किया और संसद मार्ग, जय सिंह रोड पर जाकर खत्म किया। इस दौरान सड़क के दोनों तरफ लोगों की भीड़ जुटी। भीड़ ने मोदी-मोदी के नारे लगाए और फूल बरसाए। भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समापन सत्र में पीएम मोदी ने कहा कि भारत का सबसे अच्छा युग आ रहा है, यह भारत के विकास के लिए सबसे अच्छा समय है। हमें ‘अमृतकाल को कर्तव्यकाल’ में बदलना चाहिए, तभी देश तेजी से प्रगति की ओर बढ़ सकता है। हमें इसके विकास के लिए खुद को समर्पित करना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि हमें ‘एक भारत- श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को साकार करना है।
– लोकसभा चुनाव में सिर्फ 400 दिन बचे,पार्टी कार्यकर्ता एक-एक वोटर से मिलें
– नेताओं को नसीहत, मुस्लिम समुदाय के बारे में गलत बयानबाजी न करें
– एक दिन यूनिवर्सिटी, एक दिन चर्च जाकर लोगों से मिलें
– अब सामाजिक आंदोलन बनेगी भाजपा
बॉर्डर के गांवों में संगठन मजबूत हो
पीएम मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सिर्फ 400 दिन बचे हैं। पार्टी पदाधिकारियों और हर एक कार्यकर्ता को एक-एक वोटर से मिलने उनके दरवाजे तक जाना चाहिए। बॉर्डर के गांवों में पार्टी का संगठन मजबूत होना चाहिए।
लोगों से हर दिन मिलें
भाजपा एक राजनीतिक आंदोलन बन चुकी है। अब यह सामाजिक आंदोलन भी बनेगी। हमें लोगों से हर दिन मिलना है। जैसे एक दिन यूनिवर्सिटी, एक दिन चर्च, एक दिन अन्य जगह जाकर लोगों से मिलें। हमें सक्रिय रहना है, आत्ममुग्ध नहीं होना। कोई यह नहीं समझें कि मोदी आएगा और जीत दिला देगा।
अति आत्मविश्वास के कारण हारे
पीएम मोदी ने राजस्थान व छत्तीसगढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि पिछली बार हम अति आत्मविश्वास के कारण हार गए थे। इस बार हमें इससे बचना होगा।
चुनाव की चुनौतियां व रोड शो के मायने
देश में सिर्फ भाजपा ही एक ऐसी राजनीतिक पार्टी है जो सदैव चुनावी मोड में रहती है। पिछले साल सात राज्यों में चुनाव हुए। इनमें से पांच पर भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई। भाजपा की स्थिति और दृढ़ करने में रोड शो निश्चित रूप से उल्लेखनीय कारक साबित होगा। इस रोड शो के जरिए देश व दिल्ली की जनता को भी संदेश दिया गया है कि वह अभी भी उनके साथ हैं। इस रोड शो पर अलग-अलग तरह के विपक्ष के बयान से भी लोगों में चर्चा का माहौल गरम है।
बिना वोट की उम्मीद के मुस्लिमों से मिलें : मोदी
प्र धानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि उन्हें पसमांदा मुस्लिमों और बोहरा समुदाय से भी मिलना चाहिए। इसके बदले उनसे वोट की अपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। इसके अलावा मोदी ने कार्यकर्ताओं को पढ़े-लिखे और प्रोफेशनल मुस्लिमों से भी बात करने का आह्वान किया। करीब 6 महीने पहले 3 जुलाई 2022 को हैदराबाद में आयोजित पीएम मोदी ने पसमांदा मुस्लिमों के लिए स्नेह यात्रा की घोषणा की थी। इस यात्रा का मकसद पसमांदा मुस्लिमों के घर-घर पहुंच कर भाजपा से जोड़ने की पहल करना था। पसमांदा से भाजपा का तात्पर्य उन मुस्लिमों से है जो पिछड़े और दलित हैं। उन्होंने नेताओं को नसीहत दी कि मुस्लिम समुदाय के बारे में गलत बयानबाजी न करें।