ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत ने बुधवार को ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से मध्य दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-3 का सफल परीक्षण किया। अग्नि -3 इंटरमीडिएट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार यह परीक्षण ‘सामरिक बल कमान’ (एसएफसी) की देखरेख में किए गए नियमित प्रशिक्षण प्रक्षेपण का हिस्सा था। बयान के अनुसार प्रक्षेपण पूर्व निर्धारित सीमा के लिए किया गया था। मिसाइल का परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा और यह विभिन्न मानकों पर खरी उतरी।
अग्नि श्रेणी की मिसाइलों में अग्नि-1 की रेंज 700 किमी, अग्नि-2 की रेंज 2000 किमी, अग्नि-3 की 3000 किमी रेंज है जबकि अग्नि-4 की 4000 और अग्नि-5 की 5000 किमी रेंज है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, डीआरडीओ के सूत्रों ने कहा कि 700 किमी की मारक क्षमता वाली अग्नि-1 का इस्तेमाल कम से कम 220 किलोमीटर के लक्ष्य को भेदने के लिए किया जा सकता है, जो पृथ्वी श्रेणी की मिसाइलों द्वारा कवर की गई रेंज को कवर करने में मदद करेगी, जो कि 150 किमी से 350 किमी के बीच लक्ष्य को भेद सकती हैं।
क्या है अग्नि-3 मिसाइल की खासियत?
अग्नि और टेक्टिकल क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के जरिए भारत आसानी से 30 से 5000 किलोमीटर के बीच दुश्मनों के लक्ष्य को निशाना बना सकता है। ब्रह्मोस 30 से 300 किमी के लक्ष्य को मार गिरा सकता है जबकि अग्नि उससे अधिक दूरी को कवर कर सकती है। ऐसे में दुश्मनों से रक्षा में अग्नि श्रेणी की मिसाइलें भी अहम भूमिका निभा सकती है।
जद में पूरा पाकिस्तान और करीब आधा चीन
अग्नि-3 मिसाइल की ताकत का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि इसकी जद में पूरा पाकिस्तान और आधा चीन आ जाता है। यह मिसाइल करीब 17 मीटर लंबी है और उसका व्यास 2 मीटर है। करीब 50 टन वजनी अग्नि-3 मिसाइल अपने साथ 1.5 टन का हथियार ले जाने में सक्षम है। इसकी हथियार ले जाने की क्षमता से ही आप इसकी ताकत का अंदाजा लगा सकते हैं।