ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में भारतीय सेना की एविएशन कोर अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट राजस्थान के जैसलमेर के रामगढ़ क्षेत्र में नेतासी गांव के पास एक नया बेस स्थापित करने की तैयारी कर रही है। इस रणनीतिक कदम से सेना की क्षमताओं में वृद्धि होने और क्षेत्र में उसकी उपस्थिति मजबूत होने की उम्मीद है। इसके लिए 880 बीघा जमीन दी गई थी। आवश्यक धनराशि जमा होने के बाद सेना को जमीन औपचारिक रूप से आवंटित कर दी जाएगी। इस हवाई अड्डे पर लड़ाकू हेलीकाप्टरों की एक इकाई की मेजबानी करने की उम्मीद है, जिससे क्षेत्र में सेना की परिचालन तैयारी और क्षमताओं में वृद्धि होगी। भारतीय सेना की एविएशन कोर के पास लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का एक विविध बेड़ा है जिसमें चीता, चेतक, ध्रुव, एचसीएच, रुद्र शामिल हैं। ये हेलीकॉप्टर टोही, सैन्य परिवहन और युद्ध स्थितियों के दौरान हवाई सहायता प्रदान करने सहित विभिन्न सैन्य अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
लड़ाकू हेलीकाप्टरों के अलावा, एविएशन कोर के पास मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) और ड्रोन की एक महत्वपूर्ण सूची है। ये उन्नत हवाई संपत्तियां आधुनिक सैन्य अभियानों का अभिन्न अंग हैं जो टोही, निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाने की क्षमताएं प्रदान करती हैं।
इस नए बेस की स्थापना अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपनी परिचालन पहुंच और प्रतिक्रिया को बढ़ाने के लिए भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जैसलमेर के पास बेस का रणनीतिक स्थान बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सीमा क्षेत्र की तेजी से तैनाती और प्रभावी निगरानी की अनुमति देता है।
यह विकास अपनी क्षमताओं को आधुनिक बनाने और मजबूत करने के लिए सेना के चल रहे प्रयासों को रेखांकित करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि यह कई सुरक्षा चुनौतियों से निपटने और देश के हितों की रक्षा करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है। नेतासी गांव के पास नया बेस भारतीय सेना के परिचालन परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण संपत्ति बनने की ओर अग्रसर है।