ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे स्कूलों में हाथ धोने की सुविधाएं मुहैया करवायेंें, जहां साबुन भी उपलब्ध हो। इसके साथ छात्रों को स्वच्छता की शिक्षा देने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जाये। साबुन खरीद समेत अन्य खर्चों की पूर्ति के लिए मनरेगा समेत अन्य मदों से फंड लेने को कहा गया है। जांच में निर्देशों का पालन नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 2021-22 में 96 फीसदी यानी 9.83 लाख स्कूलों में सुविधा उपलब्ध करा दी गई है।
शौचालयों को डबल पिट किया जाए
शिक्षा मंत्रालय ने सरकारी स्कूलों में साफ-सफाई की सुविधाओं में सुधार, स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। गांवों के सभी स्कूलों में प्राकृतिक रूप से पृथ्वी में घुल-मिल जाने वाले (बायो-डीग्रेडेबल) अपशिष्ट तथा गंदला पानी (रसोई या घर के अन्य कामों में इस्तेमालशुदा पानी) के प्रबंधन की व्यवस्था करने को कहा गया है। स्कूलों में सभी शौचालय काम करने की स्थिति में हों और कई शौचालयों को सिंगल पिट से डबल पिट में बदलने को कहा है।
साफ पेयजल की व्यवस्था
यूनीफाइड डिस्टि्रक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फ़ॉर एडूकेशन (यूडाइस) रिपोर्ट 2021-22 में दर्ज है कि शौचालयों तथा हाथ साफ करने की सुविधाओं में कुछ खामियां हैं। केंद्र ने सभी राज्यों से कहा है कि सभी खामियों को दुरुस्त किया जाए। स्कूलों, आगनवाड़ी केंद्रों, आश्रम शालाओं में सुरक्षित पेयजल आपूर्ति करना सरकार की प्राथमिकता है, ताकि हमारे बच्चों का अच्छा स्वास्थ्य रहे।
यूडाइस+ 2021-22 के अनुसार अब तक 10.22 लाख सरकारी स्कूलों में से पेयजल सुविधा 9.83 लाख (लगभग 96 प्रतिशत) स्कूलों में उपलब्ध कराई गई है।