संजय द्विवेदी
लखनऊ। यूपी विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन योगी सरकार ने विधानसभा में 12 हजार 909 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया है। अनुपूरक बजट का आकार मूल बजट का 1.6 प्रतिशत है। बजट में सर्वाधिक 7518 करोड़ रुपये औद्योगिक विकास के लिए आवंटित किए गए हैं।
ऊर्जा विभाग के लिए 2000 करोड़
ऊर्जा विभाग के लिए 2000 करोड़ रुपये, परिवहन विभाग की बसों के लिए 1000 करोड़ रुपये, अमृत योजना के लिए 600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। बजट में कौशल विकास के लिए 200 करोड़ रुपये व रोजगार मिशन समिति के गठन के लिए 49.80 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
अपराध कम हुए हैं
महिलाओं व बच्चों के यौन उत्पीड़न पर सीएम योगी ने दिया जवाब, बोले- 2016 के मुकाबले अपराध कम हुए हैं।
योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं व बच्चों पर होने वाले यौन उत्पीड़न पर आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर जवाब देते हुए कहा कि आरोपियों को सजा देने में यूपी देश में तीसरे स्थान पर है।
हर जिले में एक महिला थाना बनाया
प्रदेश के हर जिले में एक महिला थाना बनाया गया है। अगर 2016 से तुलना की जाए तो प्रदेश में यौन उत्पीड़न के मामलों में साढ़े 17 प्रतिशत की कमी आई है। दुष्कर्म के मामलों में 25 प्रतिशत की कमी आई है। मुख्यमंत्री योगी विधान परिषद में सपा विधायक द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
महिला सुरक्षा के प्रति पूरी तरह गंभीर है
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार महिला सुरक्षा के प्रति पूरी तरह गंभीर है। यही कारण है कि सरकार ने सत्ता में आते ही एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया था और सबसे पहले इसका विरोध सपा ने ही किया था। उन्होंने कहा कि महिला और बाल अपराध निस्तारण में प्रदेश पहले नंबर पर है। प्रदेश में एक महिला थाना हर जनपद में स्थापित करने के साथ-साथ एक अतिरिक्त थाने की जिम्मेदारी भी महिला थानाध्यक्ष को सौंपी गई है। 2020 से हमारी सरकार प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान को आगे बढ़ा रही है। मिशन शक्ति के अतंर्गत पिछले 7 वर्षों में हम लोगों ने करीब डेढ़ लाख पुलिस कर्मियों की भर्ती की है। 2017 से पहले कुल 10,000 महिला पुलिस भर्ती हुई थी। 2017 से 2023 तक जो भर्तियां हुई हैं उसमें 20,000 महिला पुलिस की भर्ती हुई है। यानि आजादी के 70 वर्षों में जितनी भर्ती हुई उससे दोगुनी भर्ती पिछले 5 वर्षों में हुई है। ये सरकार महिला के सुरक्षा के प्रति गंभीर है।
महिलाओं को अतिरिक्त आय से जोड़ रही सरकार
परिषदीय स्कूलों में रसोइयों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय से जुड़े एक सवाल पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2012 से 17 तक प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और तब रसोईयों को जो मानदेय मिलता था वो 500 रुपए से भी कम था। आप लोगों ने दूसरा अन्याय उनके साथ ये किया कि जिनके बच्चे नहीं पढ़ेंगे, उनको सेवा से हटा दिया जाएगा, वहीं इनके चयन में भी भेदभाव होता था। हमारी सरकार ने 2022 में उनके मानदेय को न्यूनतम 2 हजार रुपए किया। इन सभी ने कोरोना कालखंड में अपनी सेवाओं के माध्यम से शासन की योजनाओं को प्रत्येक परिवार तक पहुंचाने में अभिनंदनीय काम किया है। यही वजह है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हों या आंगनबाड़ी सहयोगी हों, इन सबके मानदेय में वृद्धि भी की है और इन्हें टैबलेट से आच्छादित करने के साथ साथ अतिरिक्त आय का प्रावधान भी किया है।