गुलशन वर्मा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एशियाई खेल 2023 में कमाल दिखाने वाले खिलाड़ियों से मुलाकात की। इस दौरान खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और अन्य नेता भी मौजूद रहे। दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में हुए इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने हांगझोउ से लौटे सभी खिलाड़ियों का स्वागत किया। भारत ने इस बार एशियाई खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 107 पदक अपने नाम किए और नया कीर्तिमान बनाया। पीएम मोदी एशियाई खेलों के दौरान लगातार खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाते रहे और हर पदक जीतने पर उन्हें बधाई देते रहे।
स्वागत समारोह में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, खिलाड़ियों ने अपना पसीना बहाकर देश को 107 पदक दिलाए हैं। अब पेरिस ओलंपिक में भी हमारे खिलाड़ी नया इतिहास रचेंगे।
डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई
इस कार्यक्रम में एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई जिसमें बताया गया कि 2014 की तुलना में भारत का खेल बजट कितना बढ़ा है और कैसे देश में हर खेल की हालत बेहतर हुई है। 2014 की तुलना में खेल बजट तीन गुना हो चुका है। खेलो इंडिया जैसी योजनाओं ने देश के कोने-कोने और हर गांव से खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। वहीं, टॉप्स जैसी योजनाओं ने राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को सभी सुविधाएं दिलाई हैं, जिससे वे देश के लिए पदक जीत रहे हैं।
खिलाड़ियों के माता-पिता को बधाई
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सभी खिलाड़ियों और उनके परिवार को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि हर चीज की शुरुआत घर से होती है और इसकी शुरुआत के लिए सभी खिलाड़ियों के माता-पिता बधाई के पात्र हैं। उन्होंने आगे कहा कि एशियाई खेलों में हमारा ऐतिहासिक प्रदर्शन दर्शाता है कि हम सही दिशा में जा रहे हैं। उन्होंने खिलाड़ियों की तारीफ में कहा कि आप लोगों ने तो स्वर्ण पदकों की बारिश कर दी। ऐसा लग रहा था कि हमारी बेटियां ट्रैक एंड फील्ड में सबसे आगे रहने के लिए ही उतरी हैं।
खिलाड़ियों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि भारत के खिलाड़ियों को दुनिया की सबसे बेहतरीन सुविधाएं मिलें। उन्हें देश-दुनिया में हर जगह खेलने का अवसर मिले और चयन प्रक्रिया निष्पक्ष हो। केंद्र सरकार अगले पांच साल में खेलों को बढ़ावा देने के लिए तीन हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। पीएम ने कहा, गांव में रहने वाले खिलाड़ियों को भी पूरी सुविधाएं और मौके मिलें। पीएम ने बताया कि खेलो इंडिया योजना के तहत 3,000 से ज्यादा खिलाड़ियों की ट्रेनिंग चल रही है। हर खिलाड़ी को छह लाख रुपये हर साल दिए जा रहे हैं।
स्पोर्टिंग नेशन बन रहा भारत
उन्होंने कहा कि कम उम्र के कई खिलाड़ियों ने पदक तालिका में अपनी जगह बनाई। यह हमारे स्पोर्टिंग नेशन होने की निशानी है। आप लोग लंबे समय तक देश की सेवा करने वाले हैं। आप बधाई के पात्र हैं। आप सभी के लिए प्रेरणा हैं।
जो पदक नहीं जीते उनका भी हौसला बढ़ाया
पीएम ने कहा कि भारत के युवाओं पर सभी को भरोसा है। इसी वजह से हमने इस बार 100 पार का नारा दिया था। आपने इसे पूरा भी किया। इस बार सफलता नहीं मिली तो भी निराश न हों, पेरिस ओलंपिक के लिए मन लगाकर तैयारी करें।
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
इससे पहले एशियाई खेलों में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 70 पदक जीतने का था। 2018 जकार्ता में हुए एशियाई खेलों में भारत ने 70 पदक जीते थे। इस बार भारत ने सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 107 पदक जीते और स्वर्ण पदक जीतने का नया रिकॉर्ड भी बनाया। भारतीय दल इस बार 100 पार का नारा लेकर चीन रवाना हुआ था और इसे हकीकत में बदलने के बाद ही वापस लौटा है। भारत के 100 पदक होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि वह सभी खिलाड़ियों का स्वागत करेंगे। नया भारत फैसले की अंतिम घड़ी तक हार नहीं मानता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, देश के हर कोने में खेलों के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है। पैसे की कमी इसमें आड़े नहीं आयेगी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में प्रतिभाओं की कभी कमी नहीं रही। अब ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं को सबसे ज्यादा अवसर देने की कोशिश की जा रही है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की नारी शक्ति ने अनुकरणीय प्रदर्शन किया है। नया भारत फैसले की अंतिम घड़ी आने तक तक हार नहीं मानता और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने का प्रयास करता है।
खास खेलों पर पीएम ने की चर्चा
अब तक की सबसे बड़ी पदक तालिका के बारे में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने निशानेबाजी, तीरंदाजी, स्क्वैश, रोइंग में अब तक के सबसे अधिक पदक और महिला और पुरुष क्रिकेट स्पर्धाओं, स्क्वैश मिश्रित युगल में पहले स्वर्ण पदक का जिक्र किया। उन्होंने लंबे समय के बाद कुछ स्पर्धाओं में पदक हासिल करने के महत्व पर जोर दिया, उदाहरण के लिए महिला शॉटपुट (72 वर्ष), 4×4 100 मीटर (61 वर्ष), घुड़सवारी (41 वर्ष) और पुरुष बैडमिंटन (40 वर्ष)।
– कई दशकों का इंतजार आपने खत्म किया है। हमने जितने भी खेलों में हिस्सा लिया सबसे में कोई न कोई मेडल जीता है। भारत के लिए यह शुभ संकेत है।
– 20 ऐसे खेल थे जिनमें कभी पोडियम फिनिश नहीं मिली थी, आपने एक नया रास्ता खोला है।
– नारी शक्ति ने इन खेलों में जबरदस्त प्रदर्शन किया है, आधे से ज्यादा महिला एथलीटों ने मेडल जीते
– 2014 के बाद से हमने खेल के क्षेत्र में कायापलट का काम किया है।
– गांव-देहात में रहने वाले खिलाड़ियों को भी अवसर मिले, खेल के बजट को तीन गुणा बढ़ाया जा चुका है।
– 125 से अधिक एथलीट ‘खेलो इंडिया’ से आए हैं और 40 ने इनमें से मेडल जीते हैं। तीन हजार एथलीट खेलो इंडिया से जुड़े हैं।
– 2500 करोड़ सरकार खिलाड़ियों की ट्रेनिंग, कोचिंग और डाइट पर खर्च कर रही है।
– कम उम्र में कई एथलीटों ने अपनी खास जगह बनाई, उनको मैं डबल बधाई देता हूं। वह लंबे समय तक देश के लिए शानदार प्रदर्शन करेंगे।
– हर इंटरव्यू में आप देश के युवा को ड्रग्स के खिलाफ सतर्क करें, मैं आपसे इसका मिशन बनाने की अपील करता हूं
– पेरिस के लिए आप दम लगाकर तैयारी कीजिए, हम गलतियों से सीख लेकर नए प्रयास करें।
– इसी महीने 22 अक्टूबर से पैरा एशियन गेम्स की शुरुआत हो रही है, मैं अग्रिम शुभकामनाएं देता हूं।