पुणे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत क्षेत्रीय सुरक्षा, स्थिरता को बढ़ावा देने और रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अफ्रीकी देशों के साथ काम करना जारी रखेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अफ्रीकी साझीदार देशों के सशस्त्र बलों की क्षमता बढ़ाने सहित रक्षा संबंधी सभी मामलों में सहायता प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता पर भारत अडिग है। राजनाथ सिंह दूसरे अफ्रीका-भारत संयुक्त अभ्यास ‘एफइंडेक्स’ के इतर आयोजित ‘भारत-अफ्रीका आर्मी चीफ्स कॉन्क्लेव’ के पहले संस्करण को संबोधित कर रहे थे।
राजनाथ सिंह ने कहा, हिंद महासागर से जुड़े समुद्री पड़ोसियों के साथ समुद्री सुरक्षा, हाइड्रोग्राफी और आतंकवाद का मुकाबला करने में हमारा सहयोग निरंतर मिलता रहेगा और क्षेत्रीय शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने में सहायक होगा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी राष्ट्र की प्रगति की पूरी क्षमता का तभी लाभ उठाया जा सकता है जब उसकी सुरक्षा सुनिश्चित हो। ‘कॉन्क्लेव’ में थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और 31 अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ सैन्य-असैन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत हाल के वर्षों में एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में उभरा है। भारत में रक्षा निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र बनाया गया है, जिसमें प्रचुर मात्रा में तकनीकी जनशक्ति का समावेश है।
सिंह ने रक्षा उपकरणों और प्लेटफॉर्म के संदर्भ में क्षमता निर्माण को अपने अफ्रीकी भागीदारों के साथ भारत के सैन्य सहयोग का एक और महत्वपूर्ण पहलू बताया। उन्होंने अफ्रीकी देशों को भारतीय रक्षा उपकरणों और प्रौद्योगिकियों को जानने के लिए भी आमंत्रित किया।
रक्षा मंत्री ने कहा, अफ्रीकी साझेदार देशों को रक्षा निर्माण, अनुसंधान और विकास में अपनी विशेषज्ञता और ज्ञान साझा करने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने ‘एफइंडेक्स’ को क्षमता विकसित करने और आपसी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अफ्रीकी देशों पर भारत के निरंतर ध्यान का प्रतिबिंब बताया।