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नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांव किबिथू में ‘वाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम का हाल ही में शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास करना और उन्हें आत्मनिर्भर और समृद्ध समुदायों में बदलना है।
किबिथू भारत-चीन सीमा के पास समुद्र तल से 9,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक दूरस्थ गांव है । यह भारत का सबसे पूर्वी गांव है और इसे उगते सूरज की भूमि, अरुणाचल प्रदेश का प्रवेश द्वार माना जाता है। इस गांव में बिजली, स्वास्थ्य और उचित सड़कों जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, जिससे निवासियों के लिए आवश्यक सेवाओं तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम सरकार के आत्मानिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। यह न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करेगा बल्कि इन क्षेत्रों में आर्थिक विकास और विकास को भी बढ़ावा देगा।
क्या है ‘वाइब्रेंट विलेज’ प्रोग्राम?
‘वाइब्रेंट विलेज’ प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य भारतीय सीमा से जुड़े गांवों में विकास को बढ़ावा देना है। ‘वाइब्रेंट विलेज’ प्रोग्राम को वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 के दौरान लागू किया जाएगा।
फिलहाल सीमा से सटे भारतीय इलाकों की बात करें तो यहां सरकार की ओर से 4800 करोड़ रुपए विकास के लिए आवंटित किए गए हैं, जिनमें से कुल 2500 करोड़ रुपए सड़क निर्माण कार्य में खर्च होने वाले हैं। इस प्रोग्राम के पहले चरण में करीब 662 गांवों को शामिल किया जा रहा है, जबकि पूरे प्रोग्राम में 2967 गांवों को शामिल किया जाएगा। इस योजना के तहत उन इलाकों में केंद्र सरकारी की सभी योजनाएं भी लागू की जाएंगी।