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निरर्थक नीट ?

पैसों के लिए देश की अस्मिता से खिलवाड़ करने वाले देशद्रोही के समान

by Blitzindiamedia
June 21, 2024
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Useless NEET?
दीपक द्विवेदी

नई दिल्ली। एमबीबीएस डाक्टर बनने के लिए जिस नीट की परीक्षा का हर साल देश के लाखों युवाओं और उनके परिजनों को बेसब्री से इंतजार रहता है और सारी दुनिया भी उसके महत्व को जानती है; आज उसी परीक्षा की साख और महत्ता दांव पर लगी हुई है। नीट की पवित्रता बनाए रखने की केंद्र सरकार की तमाम कोशिशों को मुट्ठीभर समाज विरोधी व स्वार्थी तत्वों ने चंद पैसों के लिए कलंकित कर दिया। इससे नीट ही नहीं; देश के टैलेंट और उसकी छवि को भी गहरा धक्का लगा है। ऐसे समाज विरोधी तत्वों को देशद्रोही ही समझा जाना चाहिए और उनके खिलाफ देशद्रोह के कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए, तभी इस प्रकार के कुकृत्यों पर अंकुश लग सकेगा। इसके साथ ही ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि अगर आने वाले दिनों में नीट परीक्षा रद अथवा मान्य होती है तो भाग लेने वाले परीक्षार्थियों को ठेस न पहुंच सके।

साथ ही यह भी देखना होगा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के अधिकारियों की नीट परीक्षा संपन्न कराने में क्या भूमिका रही। वस्तुत: एनटीए के कुछ अफसरों की संभावित लापरवाही के कारण ही लाखों छात्रों का भविष्य दांव पर लगा और केंद्र सरकार की साख्ा को भी भारी क्षति हुई जिसकी वजह से कहीं न कहीं नीट की परीक्षा की पूरी प्रक्रिया निरर्थक जैसी साबित हो रही है। अब जरूरत इस बात की है कि देश की अस्मिता के साथ खिलवाड़ करने वाले ऐसे अफसरों का तुरंत पता लगाकर, सख्त से सख्त कार्रवाई हो जिन पर सरकार ने भरोसा किया लेकिन इन अफसरों ने विश्वासघात किया।

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नीट परीक्षा को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान दायर कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए काउंसलिंग रोकने और तत्काल सीबीआई जांच का आदेश देने से इन्कार कर दिया है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की अवकाशकालीन पीठ ने सीबीआई जांच की मांग पर कहा कि बिना दूसरे पक्षों को सुने, ये आदेश तुरंत नहीं दिया जा सकता। यह बात सुनवाई के लिए आई चार याचिकाओं में से एक याचिका पर कही गई जिसमें नीट परीक्षा के पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग की गई थी। इस याचिका में बड़े स्तर पर पेपर लीक की घटनाओं का हवाला देते हुए मनमाफिक परीक्षा केंद्र चुनने के लिए अपनाए जा रहे हथकंडों का भी जिक्र है। मसलन, ओडिशा, झारखंड और गुजरात जैसे राज्यों के छात्रों ने नीट परीक्षा देने के लिए गुजरात के गोधरा में एक खास सेंटर चुना था। आरोप है कि इन छात्रों ने नीट क्लियर करने और गोधरा में एक खास सेंटर जय जलाराम स्कूल में अपना सेंटर चुनने के लिए 10 लाख रुपए रिश्वत दी थी।

– कड़ी दंड प्रणाली ही लौटा सकती है विश्वास
– विश्वासघाती अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो जिन पर सरकार ने भरोसा किया
– विपक्ष भी समझे अपनी जिम्मेदारी

वैसे यह अच्छा ही हुआ कि यूजीसी नीट की परीक्षा और रिजल्ट को लेकर हो रहे बवाल के बीच केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने गड़बड़ी के संकेत मिलने पर यूजीसी नेट 2024 का वह एग्जाम 19 जून को रद कर दिया जो एक दिन पहले यानी 18 जून को ही हुआ था। यूजीसी नेट परीक्षा नए सिरे से आयोजित की जाएगी और गड़बड़ी के मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जा रही है। यह परीक्षा भी एनटीए ने ही कराई थी जिसने नीट 2024 की परीक्षा करवाई थी। यूजीसी नेट 2024 रद करने से कहीं न कहीं केंद्र सरकार को अपनी साख बचाने में थोड़ी बहुत मदद जरूर मिलेगी। आरोप है कि नीट की परीक्षा में जी भरकर फर्जीवाड़ा हुआ है। जांच-पड़ताल और सुप्रीम कोर्ट के एक्शन के बारे में आज लोग जान चुके हैं। अब यक्ष प्रश्न यह है कि देश का उदीयमान युवा अब नीट जैसी परीक्षा की पवित्रता पर भरोसा कैसे करेगा? और दुनिया की नज़रों में भारत में तैयार होने वाले डॉक्टर्स की काबिलियत के बारे में अब किस तरह के विचार और उनकी विश्वसनीयता क्या होगी? सुप्रीम कोर्ट की इस मामले में की गई यह टिप्पणी कितनी गंभीर है कि “ कल्पना करें कि यदि आपका उपचार करने वाला, सिस्टम की ख़ामी का लाभ उठाकर डॉक्टर बना हो। ऐसा डाक्टर न सिर्फ़ आपके लिए बल्कि पूरे समाज के लिए भी हानिकारक है। सच है कि सरकार, इस मामले में बेहद सख़्ती बरत रही है। शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान नीट के आयोजनकर्ताओं से काफी खफा हैं। सरकार की साख और नीट की पवित्रता बनाए रखने के लिए शिक्षामंत्री अब इस पूरे मामले को जीरो टॉलरेंस की दृष्टि से देख रहे हैं और नीट की त्रुटिहीन परीक्षा के आयोजन के लिए एक नई ठोस रणनीति के मसौदे को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी इस मौक़े पर भी राजनीति से नहीं चूक रही है। वह एक ज़िम्मेदार विपक्ष के तौर पर इस मुद्दे पर राष्ट्रहित में सरकार को सुझाव और सहयोग देने के बजाय दोषारोपण से देश की गरिमा को और आघात लगाने में जुटी है। राजनीति की यह कारीगरी दुनिया के देशों के दिल्ली में रह रहे राष्ट्रदूत देख रहे हैं और अपने अपने देशों को इसकी कमेंट्री भी सुना रहे हैं।

विपक्ष बने सकारात्मक
देश की साख और प्रतिष्ठा बचाने की सारी ज़िम्मेदारी केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही नहीं बल्कि विपक्ष को भी सकारात्मक होकर कार्य करना चाहिए। अब सवाल यहां यह भी है कि जब भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार कड़ी कार्रवाई करके लोगों को जेल भेजती है तो विपक्ष विलाप करता है। कोई भी राजनीतिक दल, संगठन और समाजसेवी नीट के एग्जाम और उसकी संपूर्ण प्रक्रिया को कैसे पवित्र और अभेद्य बनाया जाए, इस पर सुझाव देना तो दूर रहा, बात भी नहीं कर रहा है।

ब्लिट्ज इंडिया का सुझाव
नी ट यूजी 2024 के विवाद ने परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और ईमानदारी बढ़ाने की जरूरत को उजागर किया है। ब्लिट्ज इंडिया का केंद्र सरकार को सुझाव है कि नीट की पवित्रता बनाए रखने के लिए जरूरी है कि इस परीक्षा की संपूर्ण जिम्मेदारी और उसका विधि विधान यूपीएससी (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) की निगरानी या उसी स्तर की कोई नई संस्था का गठन करके की जानी चाहिए।

निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्यांकन प्रणाली सुनिश्चित करना छात्रों और हितधारकों का विश्वास बनाए रखने के लिए जरूरी है। इस तरह की किसी भी नई प्रणाली के लागू होने से देश के लोगों में ही नहीं , समूची दुनिया के लोगों में भारतीय डाक्टरों और उनके चयन की पद्धति के प्रति असाधारण सम्मान और स्वीकार्यता आएगी।

अगर आपका डॉक्टर फर्जी तरीके से बना है, तो वह पूरे समाज के लिए खतरा है। – सुप्रीम कोर्ट

नीट यूजी 2024 परीक्षा में विवादों की गूंज
5 मई को हुई नीट यूजी 2024 परीक्षा ने जमकर विवाद खड़े कर दिए हैं जिससे छात्रों, माता-पिता और शिक्षा जगत में खलबली मची हुई है। इस परीक्षा में 24 लाख से ज्यादा छात्रों ने 4,750 केंद्रों पर, 571 शहरों में और 14 अंतरराष्ट्रीय जगहों पर हिस्सा लिया। इतनी बड़ी पहुंच के बावजूद, परीक्षा में गड़बड़ी और धांधली के आरोपों ने इसकी साख पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।

720 में से 720 अंक हासिल कर 67 परीक्षार्थी टॉपर
एक हैरान करने वाली बात ये है कि इस बार 67 छात्रों ने पूरे 720 में से 720 अंक हासिल किए हैं। आम तौर पर, नीट यूजी में पूरे अंक लाना बहुत ही कठिन होता है। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने 1,563 उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्रों पर प्रशासनिक समस्याओं के कारण समय की हानि के लिए ग्रेस मार्क्स दिए। इस चयनात्मक अंक वितरण को कई छात्रों ने अनुचित बताया है। प्रभावित छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा 23 जून 2024 को निर्धारित की गई है।

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