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वाशिंगटन। स्मार्टफोन आज इंसान की सबसे बड़ी जरूरत है। इसके बिना सभी काम अधूरे हैं, लेकिन अब वही स्मार्टफोन बच्चों के लिए मीठा जहर साबित होने लगा है। एक नए शोध में दावा किया गया है कि रोजाना तीन घंटे से अधिक स्मार्टफोन के इस्तेमाल से बच्चों में कमर दर्द की समस्याएं बढ़ गई हैं।
आंखों की रोशनी पर भी असर
कोरोना महामारी के कारण ऑनलाइन कक्षाएं होने सेे स्मार्टफोन और टैबलेट का इस्तेमाल काफी हद तक बढ़ गया है।
ऐसे में कमर दर्द के अलावा आंखों की रोशन कम होने और रीढ़ की हड्डी में दर्द जैसी दिक्क तें भी बढ़ गई हैं। अध्ययन वैज्ञानिक पत्रिका हेल्थकेयर में प्रकाशित है। ब्राजील की प्रमुख संस्था ने यह अध्ययन किया था।
किशोर ज्यादा पीड़ित
टीएसपी (थोरैसिक स्पाइन पेन ) दुनिया में विभिन्न आयु वर्ग के लोगों में आम हो गया है। पीड़ितों में 15-35 फीसदी वयस्क और 13-35 फीसदी बच्चे शामिल हैं। किशोरों में समस्या अधिक है।
2628 छात्रों पर शोध कर निकाला गया निष्कर्ष
इसमें पता चला कि कमर दर्द और रीढ़ की हड्डियों में परेशानी की वजह फोन को काफी करीब से देखना, पेट के बल लेटना या अधिक देर तक बैठना है।
टीएसपी पर था अध्ययन
अध्ययन थोरैसिक स्पाइन पेन (टीएसपी) पर केंद्रित था। थोरैसिक रीढ़ छाती के पीछे स्थित होती है, जो कंधे की हड्डियों के बीच और गर्दन के नीचे से कमर तक फैली हुई है। मोबाइल के अत्यधिक इस्तेमाल से बच्चों की सेहत पर व्यापक असर पड़ा है। रीढ़ की हड्डी में दिक्कतों के लिए मोबाइल जिम्मेदार है।
एक साल तक परीक्षण
अध्ययन में 14 से 18 वर्ष के लड़के-लड़कियों को शामिल किया गया। इसमें करीब 26-28 छात्रों ने हिस्सा लिया। सभी प्रतिभागियों को प्रश्नावली देकर मोबाइल इस्तेमाल करने दिया गया। एक साल तक किए गए परीक्षण में पता चला कि थोरैसिक स्पाइन पेन से लड़के (39 फीसदी) के मुकाबले लड़कियां (55 फीसदी) अधिक प्रभावित हैं।