गुलशन वर्मा
नई दिल्ली। कजाकिस्तान के अस्ताना में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप के 36वें संस्करण में ‘टोटल हरियाणा शो’ रहा। भारतीय पहलवानों ने 14 पदक हासिल किए, जिनमें एक स्वर्ण, तीन रजत और 10 कांस्य पदक शामिल हैं। खास बात यह रही कि सभी पदक हरियाणा के पहलवानों के खाते में आए। हरियाणा की उपलब्धि दुर्लभ है। खेल इतिहास में ऐसा दूसरा उदाहरण मिलना बहुत मुश्किल है जब इतने बड़े इवेंट में किसी देश के लिए सारे मैडल एक ही राज्य जीत कर दिखाए।
हरियाणा की महिला पहलवानों ने इनमें से आधे पदक देश की झोली में डाले। भारतीय कुश्ती संघ और पहलवानों के बीच विवाद का असर दिखाई देना शुरू हो गया है। नामी पहलवान ट्रायल में नहीं आए इसलिए प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सके।
नारी शक्ति का कमाल : हिसार की अंतिम पंघाल ने 53 किलोग्राम और रोहतक की निशा दहिया ने 68 किलोग्राम में रजत पदक जीते। बेटियों ने अपने दम पर सात पदक जीते। जींद की अंशु मलिक ने 57 किलोग्राम, सोनीपत की सोनम मलिक ने 62 किलोग्राम, रोहतक की मनीषा ने 65 किलोग्राम, रोहतक की रितिका हुड्डा ने 72 किलोग्राम और जींद की प्रिया ने 76 किलोग्राम भार वर्ग में देश को कांस्य पदक दिलाए।
पुरुष भी कम नहीं : पुरुष वर्ग में झज्जर के अमन सहरावत ने पुरुषों के फ्री स्टाइल वर्ग में 57 किलोग्राम भार वर्ग में शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए सोना जीता।
सोनीपत के रूपिन ने ग्रीको रोमन मुकाबलों के 55 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक पाया। सोनीपत के नीरज छिक्कारा ने ग्रीको रोमन के 63 किलोग्राम, सोनीपत के सुनील मलिक ने 87 किलोग्राम, झज्जर के विकास ने 72 किलोग्राम, सोनीपत के अनिरुद्ध गुलिया ने फ्री स्टाइल के 125 किलोग्राम और हिसार के दीपक ने फ्री स्टाइल के 79 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीते। प्रतियोगिता में ग्रीको रोमन व फ्री-स्टाइल वर्ग के पहलवानों ने मिलकर देश को सात पदक दिलाए।
सात अंक का संयोग
प्रतियोगिता में भारत पिछले वर्ष की तुलना में दो स्थान नीचे रह कर सातवें स्थान पर रहा। यह भी संयोग ही कहा जाएगा कि भारतीय दल में सात पदक महिलाओं व सात पदक पुरुषों ने जीते और भारत का स्थान भी सातवां ही रहा। 2022 में पदक तालिका में भारत का स्थान पांचवां रहा था। वर्ष 2021 में भारत 14 पदक लेकर तीसरे और वर्ष 2020 में भी 20 पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा था। चैंपियनशिप का आयोजन 9 से 15 अप्रैल तक हुआ।