नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो इतिहास रचने को तैयार है, वो घड़ी आ गई जब भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग कर सकता है। मिशन सफल रहा तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले चीन, अमेरिका, रूस चंद्रमा पर अपने स्पेसक्राफ्ट की सफल लैंडिंग करा चुके हैं।
लांचिंग की सारी तैयारी पूरी हो चुकी। खास बात यह है कि इस बार ये मिशन यानी जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हीकल एमके III के कंधों पर है। यह तीसरी स्टेज वाला लांच व्हीकल है, जिसे इसरो ने ही तैयार किया है। यह देश का सबसे हैवी लांच व्हीकल है, जिसे बाहुबली उपनाम दिया गया है।
इसरो ने 2019 में चंद्रयान-2 मिशन लांच किया था। यह चंद्रमा तक पहुंचने में सफल रहा था, 47 दिन का सफर पूरा करने के बाद चंद्रमा पर लैंडिंग से कुछ किमी पहले ही इसका लैंडर विक्रम खराब हो गया था। इसी वजह से लैडिंग साइट से संपर्क टूटने की वजह से इसरो का यह प्रयास असफल हो गया था।
पिछली बार हुई चूकों को ध्यान में रखते हुए इस बार इसरो ने बड़े पैमाने पर तैयारी की है। माना जा रहा है कि इस बार भारत का स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग कर इतिहास रच देगा।
सभी टेस्टिंग पार कर चुका यान
चंद्रयान-3 ने लांचिंग से पहले टेस्टिंग प्रक्रिया पार कर ली है। सभी टेस्टों में ये सफल रहा है, खास तौर से लांचिंग व्हीकल के ऊपरी फेज को रफ्तार देने के लिए इसमें लगाए गए क्रायोजेनिक सीई-20 इंजन की टेस्टिंग भी सफल रही है। लैंडर भी अपने टेस्ट में पास हो चुका है। इसरो ने प्लान किया है कि इस बार चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारा जाएगा।
ओवरऑल खर्च इतना
इसरो का चंद्रयान-3 तकरीबन 615 करोड़ रुपये में तैयार हुआ है हालांकि इसका ओवरऑल खर्च एक हजार करोड़ के आसपास होगा । चंद्रयान-3 के लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल पर तकरीबन 250 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जबकि इसकी लांचिंग पर 365 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जिस जीएसएलवी एमके III रॉकेट से इसे लांच किया जाएगा उसकी लागत भी 350 करोड़ के आसपास है।
चंद्रयान-2 पर खर्च 978 करोड़
चंद्रयान -2 की लागत भी 978 करोड़ रुपये थी। इसमें 603 करोड़ मिशन पर और शेष रॉकेट पर खर्च किए गए थे।
386 करोड़ में पूरा हुआ था चंद्रयान-1
चंद्रयान-1 मिशन 386 करोड़ रुपये में पूरा हुआ था। एक रिपोर्ट के मुताबिक आवंटित राशि में से 82 लाख रुपये बचा लिए गए थे।
चंद्रयान-3 को एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रणोदन मॉड्यूल को मिलाकर बनाया गया है जिसका कुल वजन 3,900 किलोग्राम है। अकेले प्रणोदन मॉड्यूल का वजन 2,148 किलोग्राम है जो लैंडर और रोवर को 100 किलोमीटर की चंद्र कक्षा में ले जाएगा। लैंडर मॉड्यूल लैंडर के कम्प्लीट कॉन्फिगरेशन को बताता है। रोवर का वजन 26 किलोग्राम है। रोवर चंद्रयान -2 के विक्रम रोवर के जैसे ही होगा, लेकिन सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने में मदद के लिए इसमें सुधार किए गए हैं। प्रणोदन मॉड्यूल 758 वाट बिजली, लैंडर मॉड्यूल 738 वाट और रोवर 50 वाट उत्पन्न करेगा।