ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। मुंबई की लोकल ट्रेनों में मोटरमैन केबिन और ट्रेन के फ्रंट पर कैमरा लगाने का काम तेजी से हो रहा है। 22 जनवरी, 2024 की दुर्घटना के बाद सिग्नलिंग विभाग ने सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई सुझाव दिए हैं।
सुरक्षा पुख्ता करने के लिहाज से भी इस काम में तेजी आई है। 22 जनवरी, 2024 को पश्चिम रेलवे के वसई स्टेशन के पास हुई दुर्घटना में सिग्नलिंग विभाग के तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद रेलवे द्वारा पांच सदस्यों की समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में कुछ सुझाव दिए हैं। इनमें लोकल के फ्रंट पर जहां हेडलाइट होती है, वहां कैमरा लगाने का सुझाव दिया गया है। इस कैमरे से हादसे की जांच का काम आसान होगा और भविष्य में क्या नहीं करना है, इसका ध्यान रखा जाएगा।
क्या कहती है जांच रिपोर्ट
हादसे की जांच के बाद एक महीने में रिपोर्ट रेलवे को सौंप दी गई। रिपोर्ट में रात के वक्त ट्रेन की हेडलाइट में बदलाव लाने और हॉर्न बजाते वक्त ट्रेन के सामने के दृश्यों को कैद करने का विशेष सुझाव दिया गया है। 22 जनवरी को हादसा शाम के वक्त हुआ था और समिति द्वारा जब कारणों को खंगाला गया, तब पता चला कि साइट पर जहां काम हो रहा था, वहां दोनों ओर से ट्रेनें गुजरीं। इससे सिग्नलिंग विभाग के कर्मचारियों को खुद को बचाने के लिए समय नहीं मिला और हेडलाइट की रोशनी से भी वे भ्रमित हो गए। इसके अलावा ट्रेन की हेडलाइट की रोशनी कर्मचारियों के रिफ्लेक्टर जैकेट पर कारगर साबित नहीं हुई।
बफर जोन बनाने का भी सुझाव
फ्रंट पर कैमरा लगाने के अलावा आपातकालीन स्थिति के लिए ट्रैक के बीच बफर जोन बनाने का भी सुझाव दिया गया है। इस बफर जोन में खड़े रहकर फील्ड में काम करने वाले कर्मचारी खुद को सुरक्षित कर सकते हैं।
मोटरमैन राजाराम मीणा का बयान
22 जनवरी की दुर्घटना के बाद उस लोकल ट्रेन के मोटरमैन राजाराम मीणा का बयान दर्ज किया गया। मीणा ने अपने बयान में बताया कि हादसे के दौरान स्पीडोमीटर में 87 किमी की स्पीड दर्ज की गई थी। डेटा लॉग से पता चला कि आपातकालीन ब्रेक लगाने के बाद ट्रेन 457 मीटर तक आगे जाकर रुकी। साइट पर वासु मित्रा, सोमनाथ लांबतुरे और सचिन वानखेडे पॉइंट फैल्योर अटेंड करने गए थे। तीनों ही सिग्नलिंग विभाग से थे।
लगाया जा रहा सिस्टम
पश्चिम रेलवे की लोकल ट्रेनों में क्रू वॉइस एंड विडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं। ये तीन कैमरों का एक सिस्टम होता है। इनमें से दो कैमरे मोटरमैन केबिन में और एक कैमरा फ्रंट पर रहता है। रेलवे से प्राप्त डेटा के मुताबिक, इन्हें 226 कैब में लगाया जाना है। इनमें से अब तक 8 में लगाए जा चुके हैं, जबकि 43 कैब में सिस्टम लगाने का काम अप्रैल, 2024 तक पूरा होगा। ये काम फिलहाल रेलवे कर रही है, जबकि शेष रैक में सिस्टम लगाने का काम क्रिस कंपनी द्वारा किया जाएगा।
मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों के संचालन में हजारों कर्मचारी रोज लगे रहते हैं। इन कर्मचारियों की सुरक्षा पूरी व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए बेहद जरूरी है।
मुंबईकरों की मुश्किलें बढ़ी थीं
पिछले दिनों रेलवे कर्मचारियों की पटरी पर दुर्घटना में हुई मौत के बाद कर्मचारियों के असहयोग आंदोलन ने लाखों मुंबईकरों की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। ऐसे में, पटरी पर होने वाली सभी गतिविधियों पर निगरानी रखने के साथ-साथ कर्मचारियों की सुविधा के लिए ये फैसले जल्द लागू होंगे।