नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि त्वरित न्याय और लोगों की समकालीन जरूरतों व आकांक्षाओं के अनुरूप कानून प्रणाली बनाने के लिए बदलाव किए गए हैं। 2027 तक सभी अदालतों को ऑनलाइन कर दिया जाएगा। जीरो एफआईआर कहीं से भी रजिस्टर की जा सकती है। अगर किसी को भी गिरफ्तार किया जाता है, तो उसके परिवार को तुरंत सूचित करना होगा। गुनाह कहीं भी हो, एफआईआर देश के किसी भी हिस्से में दर्ज की जा सकेगी।
ई-एफआईआर पर जोर रहेगा
गृह मंत्री ने राजद्रोह कानून के विवादास्पद मुद्दे पर सरकार के रुख में एक बड़े बदलाव का संकेत दिया। उन्होंने कहा, प्रस्तावित आईपीसी प्रतिस्थापन विधेयक राजद्रोह कानून (धारा 124 ए) को पूरी तरह से निरस्त कर देगा। नई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में कुल 533 धाराएं होंगी। सीआरपीसी में 478 धाराएं हैं। इसकी 160 धाराओं में बदलाव किया गया है, 9 धाराएं जोड़ी व 9 हटाई गई हैं। सभी राज्यों में फॉरेंसिक का इस्तेमाल जरूरी होगा। फॉरेंसिक विश्वविद्यालय बनाने का भी प्रावधान है।
इन मामलों में होगी सामुदायिक सेवा की सजा
किसी की मानहानि करने, नशे में दुर्व्यवहार जैसे छोटे अपराधों में अब सामुदायिक सेवा करनी होगी। वैसे मानहानि मामले में आईपीसी के तहत अधिकतम दो साल सामान्य कारावास या जुर्माना या दोनों ही सजा का प्रावधान है। नए बदलाव के तहत इसमें सामुदायिक सेवा को भी जोड़ दिया गया है। इसी तरह नशे में दुर्व्यवहार पर अभी 24 घंटे कैद की सजा और 10 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। अब जुर्माना बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया गया है। सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी से रोकने के इरादे से अगर कोई आत्महत्या का प्रयास करता है तो उसे एक साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों या सामुदायिक सेवा की सजा हो सकती है। 5000 रुपये तक के मूल्य के सामान की पहली बार चोरी करने वाले व्यक्ति को चोरी का सामान लौटाने या उसके मूल्य का भुगतान करने पर सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है। सरकारी कर्मचारी के खिलाफ कोई मामला दर्ज है, तो 120 दिनों में केस चलाने की अनुमति जरूरी है।
अपराधियों की संपत्ति होगी कुर्क
घोषित अपराधियों की संपत्ति कुर्क की जाएगी। संगठित अपराध में कठोर सजा होगी। नए प्रावधानों में 10 वर्ष अथवा अधिक की सजा या आजीवन कारावास अथवा मृत्युदंड की सजा वाले मामलों में दोषी को घोषित अपराधी घोषित किया जा सकता है। सरकार ऐसे अपराधियों की भारत से बाहर की संपत्तियों की कुर्की भी कर सकती है।
अपराध की कमाई वाली संपत्तियों की जब्ती आसान
किसी अपराध की आय से जुड़ी संपत्ति को कुर्क करने, जब्त करने के संबंध में नई धारा जोड़ी गई है। जांच अधिकारी इसका संज्ञान लेने के लिए न्यायालय में आवेदन दे सकता है कि संपत्ति को आपराधिक गतिविधियों के जरिये प्राप्त किया गया है। यदि संपत्तिधारक इस बारे में ठोस स्पष्टीकरण देने में विफल रहता है तो इस प्रकार की संपत्ति को कुर्क किया जा सकता है। पुलिस थानों में बड़ी संख्या में वाहन समेत अन्य संपत्तियां पड़ी हैं। जांच के दौरान कोर्ट या मजिस्ट्रेट के जरिये संपत्ति का विवरण तैयार करने व फोटो/वीडियो बनाने के बाद ऐसी संपत्तियों के त्वरित निपटान का प्रावधान किया है।