दीपक द्विवेदी
भारत आज एक वैश्विक अगुआ के रूप में उभर रहा है। कोविड जैसी महामारी से सफलतापूर्वक बाहर निकलने के बाद इसकी कहानी आत्मविश्वास और सुशासन का रोल मॉडल पेश कर रही है। निरंतर नवाचार इसके डीएनए में आ चुका है। इसी क्रम में पिछले दिनों नई दिल्ली के भारत मंडपम में ‘स्टार्टअप महाकुंभ’ 2024 का भव्य आयोजन किया गया जिसका मकसद था कि उद्यमी किसी भी स्तर पर ‘चूकें नहीं’ और अधिक से अधिक अवसरों का लाभ उठाएं क्योंकि भारत 2047 तक 35 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर तीव्र गति से अग्रसर है। नए स्टार्टअप के शुरू करने और उसके महत्व पर प्रकाश डालने के लिए इस स्टार्टअप महाकुंभ में तमाम आइडिया पर पीएम मोदी ने भी युवाओं को प्रेरित किया।
नए स्टार्टअप और नए इनोवेशन आइडियाज से भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। युवाओं और नए स्टार्टअप्स के दम पर ही भारत को पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में कामयाबी मिली है जबकि केवल एक दशक पहले भारत दुनिया में 11 वें स्थान पर था। इसी के दम पर भारत विकास की नई गाथा लिखेगा, ऐसा विश्वास व्यक्त किया जा रहा है। आज स्टार्टअप्स की दुनिया में भारत का डंका, बज रहा है और यह देश की इकोनॉमी को मजबूत करने का एक सशक्त मार्ग भी है।
2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए देश के रोडमैप पर युवाओं की अहम भूमिका होगी। भारत ने पिछले कुछ दशकों में सूचना प्रौद्योगिकी और सॉफ्टवेयर क्षेत्र में अपनी छाप विश्व स्तर पर छोड़ी है। स्टार्टअप जगत के लोगों की सफलता युवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। निवेशकों, इनोवेटर्स, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, उद्योग के अग्रणी सदस्यों और वर्तमान एवं भविष्य के उद्यमियों द्वारा लगाए गए स्टार्टअप आज भारत की प्रगति में चार चांद लगा रहे हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नए स्टार्टअप देश को एक नई गति देने का काम कर रहे हैं। आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप बाजार है,जिसे हमारे देश के युवा लीड कर रहे हैं। भारत में 1.25 लाख स्टार्टअप कार्य कर रहे हैं। भारत तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है, जिसमें 12 लाख युवा सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं; यानी कि 12 लाख युवाओं को नौकरी मिल रही है।
इसमें कोई दो राय नहीं कि स्टार्टअप महाकुंभ ने अभूतपूर्व ऊर्जा और जीवंतता का निर्माण किया है। आज के समय में स्टार्टअप एक सामाजिक संस्कृति बन गया है और किसी भी सामाजिक संस्कृति को रोका नहीं जा सकता। जीईएम पोर्टल ने भी व्यवसायों और स्टार्टअप्स को 20,000 करोड़ रुपये से भी अधिक प्रदान कर उनको एक नई दिशा सरकार की ओर से प्रदान की है। नए क्षेत्रों में जाने के लिए युवा लगातार आगे बढ़ रहे हैं। नीतिगत सोच के साथ शुरू किए गए स्टार्टअप आज नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं।
नई ऊंचाइयां छूने के साथ-साथ हमें यह भी विशेष रूप से ध्यान रखना होगा कि हम इसमें आधी आबादी की भागीदारी को भी समुचित स्थान दें। वर्तमान में देश में 45 प्रतिशत से अधिक स्टार्टअप महिलाओं के नेतृत्व वाले हैं। इसके साथ ही वैश्विक अनुप्रयोगों के लिए भारतीय समाधान भी विश्व के कई देशों के लिए मददगार साबित हो सकते हैं। आज स्टार्टअप क्रांति का नेतृत्व बड़े पैमाने तक जा रहा है। स्टार्टअप्स की क्रांति से कृषि, वस्त्र, चिकित्सा, परिवहन, अंतरिक्ष, योग और आयुर्वेद सहित कई क्षेत्रों में विकास हो रहा है। भारतीय स्टार्टअप अंतरिक्ष क्षेत्र में 50 से अधिक क्षेत्रों में काम कर रहे हैं जिनमें स्पेस शटल का प्रक्षेपण भी शामिल है। स्टार्टअप्स ने ये मानसिकता बदल दी है कि व्यवसाय शुरू करने के लिए बहुत अधिक धनराशि की आवश्यकता होती है।
अब देश के युवा नौकरी मांगने वाले के बजाय नौकरी देने वाले बनने की राह पर चल पड़े हैं। डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद कर रहा है। यूपीआई फिन-टेक स्टार्टअप के लिए समर्थन का एक स्तंभ बन गया है जो देश में डिजिटल सेवाओं के विस्तार के लिए नवीन उत्पादों और सेवाओं के विकास का नेतृत्व करता है। यूपीआई के जरिए वित्तीय समावेशन सुदृढ़ हुआ है और ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर जो एक खाई थी, उसमें निरंतर कमी आ रही है। प्रौद्योगिकी का विस्तार शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों तक में हो चुका है। आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भी भारत का पलड़ा भारी है। एआई उद्योग के आने के साथ युवा अन्वेषकों और वैश्विक निवेशकों, दोनों के लिए सृजित हो रहे कई अवसरों को रेखांकित कर और राष्ट्रीय क्वांटम मिशन, भारत एआई मिशन एवं सेमीकंडक्टर मिशन के क्षेत्र में भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।
स्टार्टअप आज एक व्यवसाय है जो किसी नए प्रोडक्ट और सर्विस के लिए इनोवेशन, डेवलपमेंट, डिप्लॉयमेंट या कॉमर्शियलाइजेशन टेक्नोलॉजी या इंटेलिजेंस के जरिए किया जाता है। व्यवसाय के तौर पर बात करें तो जो एंटिटी भारत में पांच साल से ज्यादा से रजिस्टर्ड नहीं है और जिसका सालाना कारोबार किसी भी वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं है। स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख परियोजना है। इसकी शुरुआत पीएम मोदी ने 2015 में की थी। इसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नए आइडियाज के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम विकसित करना है। इसके जरिए सरकार देश का आर्थिक विकास और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करना चाहती है।
वर्तमान में आज हर कोई अपना स्टार्टअप शुरू करना चाह रहा है। पहले स्टार्टअप सिर्फ बड़े शहरों के नाम था पर अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर युवा स्टार्टअप की ओर जा रहे हैं। इसमें डिजिटल इंडिया भी एक तरह से अच्छी भूमिका निभा रहा है। युवाओं के दिमाग में बहुत से आइडिया आते हैं और फिर उन पर काम करके युवा स्टार्टअप की ओर आगे बढ़ रहे हैं। इसमें मेडिकल सेवाएं, शिक्षा, नौकरी दिलाने वाली स्किल्स, फ़ूड, ट्रैवल आदि कई चीजें है। दरअसल देखा जाए तो स्टार्टअप एक तरह से आइडिया की मार्केटिंग होती है। बड़े इनवेस्टर भी आइडिया औैर बिजनेस को देखकर उस स्टार्टअप में पैसा लगाते हैं। भारत में इन दिनों एक प्रकार से स्टार्टअप क्रांति आई हुई है जो देश को एक नए मुकाम तक ले जाएगी, इसमें कोई दो राय नजर नहीं आ रही। बस आवश्यकता इस बात की है कि उद्यमी सतर्कता के साथ दीर्घकालिक तौर पर गति बनाए रखें।