ब्लिट्ज ब्यूरो
बुलंदशहर। शिक्षा आपके जीवन में किस तरह से बदलाव ला सकती है, इसका जीता-जागता उदाहरण हैं पवन कुमार। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के एक छोटे से गांव के निवासी पवन छोटी जोत के किसान परिवार से आते हैं। घर के सदस्य मेहनत मजदूरी करके किसी तरह से पेट पालते हैं। ऐसे परिवार से निकले पवन अब आईएएस अफसर बन चुके हैं।
बुलंदशहर जिले के रघुनाथपुर गांव के रहने वाले पवन के पिता मुकेश मनरेगा में मजदूरी करते हैं। वह किसानी के साथ मजदूरी करके किसी तरह से परिवार पालते हैं। पवन के अंदर पढ़ाई की ललक को देखते हुए पिता के साथ ही बहनों ने भी मजदूरी करके पैसे जोड़े। तब जाकर कोचिंग के खर्च के साथ ही 3200 रुपये में सेकेंड हैंड मोबाइल खरीदकर भाई को पढ़ाई के लिए दे दिया। मेहनत का मीठा फल मिला और पवन ने यूपीएससी के साल 2023 के परीक्षा के नतीजे में 239वीं रैंक हासिल की है।
24 साल के पवन की मां और बहन जंगल से लकड़ी इकट्ठी करके लाते हैं और फिर चूल्हे पर खाना पकाया जाता है।
दिल्ली से की सिविल परीक्षा की कोचिंग
बुलंदशहर के नवोदय विद्यालय से पढ़ाई के बाद पवन ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की। उसके बाद सिविल सर्विस परीक्षा की कोचिंग के लिए दिल्ली चले गए। दो साल कोचिंग के बाद पवन ने रूम में ही रहकर सेल्फ स्टडी की। उन्होंने तीसरे प्रयास में कामयाबी हासिल की। 3 बहनों के इकलौते भाई ने अपनी मेहनत के बूते ऊंचा मुकाम हासिल किया।