ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अप्रैल को कहा कि भगवान बुद्ध के उपदेशों का अनुसरण करते हुए भारत ने बीते नौ वर्षों में बड़ी कामयाबी हासिल की है।भारत ने सिद्धांत, व्यवहार एवं अनुभव के रास्ते पर चलते हुए भगवान बुद्ध के उपदेशों का अनुसरण किया है। इन सभी में भारत तेजी से आगे बढ़ा है।
दिल्ली स्थित अशोक होटल में आयोजित पहले वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज दुनिया जिस युद्ध और अशांति से पीड़ित है, उसका समाधान बुद्ध के उपदेशों में है।’ ‘हमें विश्व को सुखी बनाना है तो स्व से निकलकर संसार, संकुचित सोच को त्यागकर, समग्रता को प्राथमिकता देनी होगी। बुद्ध मंत्र ही इसका एकमात्र रास्ता है।’ मोदी ने कहा कि सभी को अपने आस-पास गरीबी से जूझ रहे लोगों के बारे में और साथ ही संसाधनों के अभाव में फंसे देशों के बारे में सोचना ही होगा। उन्होंने कहा, ‘एक बेहतर और स्थिर विश्व की स्थापना के लिए यही एक मार्ग है। आज यह समय की मांग है कि हर व्यक्ति की, हर राष्ट्र की प्राथमिकता अपने देश के हित के साथ ही विश्व हित भी हो।’
वैश्विक बौद्ध सम्मेलन का आयोजन ऐसे समय हुआ जब भारत अपनी आजादी के 75 साल पूरे होने पर ‘अमृत महोत्सव’ मना रहा है। पीएम ने कहा कि भारत एक विकसित राष्ट्र बनने के रास्ते पर है, वह ‘अमृत काल’ की तरफ आगे बढ़ रहा है। भारत अपने साथ पूरे विश्व के कल्याण के बारे में सोचता है। शिखर सम्मेलन में विश्व भर के बौद्ध बुद्धिजीवियों ने भाग लिया तथा विविध ज्वलंत तथा दूरगामी महत्व के विषयों पर गहन चिंतन-मनन किया। इसमें शांति, पर्यावरणीय स्थिरता, स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर विशेष चर्चा हुई। शिखर सम्मेलन की मेजबानी अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के सहयोग से केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा की गई।