ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत रक्षा क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है। डिफेंस प्रॉडक्शन में पहली बार एक लाख करोड़ रुपए के स्तर को पार कर गया।
2021-22 में देश में कुल रक्षा उत्पादन का मूल्य 95,000 करोड़ रुपए से ज्यादा था। पहली बार देश का डिफेंस प्रॉडक्शन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। पिछले कुछ सालों में सरकार ने घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं। मंत्रालय ने कहा, रक्षा मंत्रालय की लगातार कोशिशों के चलते वित्त वर्ष 2022-23 में डिफेंस प्रॉडक्शन पहली बार एक लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया है। वर्तमान में डिफेंस प्रोडक्शन की वैल्यू 1,06,800 करोड़ रुपए है और बाकी प्राइवेट डिफेंस इंडस्ट्री से डेटा मिलने के बाद ये आंकड़ा और बढ़ जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि 2022-23 में डिफेंस प्रोडक्शन की वैल्यू में 2021-22 के आंकड़े से 12 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ है, तब ये 95,000 करोड़ रुपए था । मंत्रालय ने कहा, सरकार डिफेंस प्रॉडक्शन और उनके एसोसिएशन के साथ लगातार काम कर रही है, ताकि सामने आने वाली चुनौतियों को दूर किया जा सके और देश में डिफेंस प्रॉडक्शन को बढ़ावा दिया जा सके। इसमें कहा गया है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस मकसद के लिए कई नीतिगत सुधार किए गए हैं, जिसमें एमएसएमई स्टार्टअप को सप्लाई चेन में शामिल करना भी है।
मंत्रालय ने कहा कि एमएसएमई (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) और स्टार्टअप समेत डिफेंस इंडस्ट्री मिलिट्री हार्डवेयर के डिजाइन, डेवलपमेंट और मैन्यूफैक्चरिंग में आगे आ रहे हैं। कैबिनेट ने अप्रैल-सितंबर खरीफ सीजन के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये की फर्टिलाइजर सब्सिडी को दी मंजूरी। मंत्रालय ने कहा, सरकार की तरफ से पिछले सात-आठ सालों में इंडस्ट्री को जारी किए गए डिफेंस लाइसेंस की संख्या में लगभग 200 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसने कहा, इन उपायों ने देश में डिफेंस इंडस्टि्रयल मैन्यूफैक्चरिंग इकोसिस्टम को बढ़ावा दिया है और रोजगार के जबरदस्त अवसर पैदा किए हैं।” भारत वैश्विक स्तर पर हथियारों के सबसे बड़े इंपोर्टर में से एक है।