ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत और अमेरिकी वायु सेनाओं के बीच कोप इंडिया-23 अभ्यास का पहला चरण पश्चिम बंगाल के पानागढ़ वायु सेना अड्डे पर शुरू हो गया। पानागढ़ वायु सेना स्टेशन अर्जन सिंह के नाम से भी जाना जाता है। इस अभ्यास का उद्देश्य भारतीय और अमेरिकी वायु सेना के बीच आपसी समझ को बढ़ाना है। ऐसे ही युद्धाभ्यास पानागढ़ के अलावा कलाईकुंडा और आगरा में वायु सेना स्टेशनों पर आयोजित किए जाएंगे। भारत के हवाई युद्धाभ्यास से ताइवान को बार-बार डराने वाले चीन के माथे पर स्वाभाविक शिकन साफ देखी जा रही है।
सी-17 और सी-130जे विमानों ने बेड़े के साथ की मोर्चेबंदी
भारत और अमेरिका के जंगी विमानों से गूंजा आकाश
पर्यवेक्षक की भूमिका में भाग ले रहा जापान
वायु युद्धाभ्यास के इस पहले चरण में हवाई गतिशीलता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसमें दोनों देशों की वायु सेना के परिवहन विमान और स्पेशल फोर्सेस के एसेट्स को शामिल किया जा रहा है। रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया कि अमेरिकी सी-130जे और भारत का सी-17 विमान बेड़ा इसमें हिस्सा ले रहे हैं। इसमें जापानी एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स का एयरक्रू भी पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल हो रहा है।
तीनों देशों के इस संयुक्त युद्धाभ्यास को चीन द्वारा ताइवान के विरुद्ध किए गए तीन दिनों के सैन्य अभ्यास की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है।
ताइवान से सटे समुद्री इलाकों में चीनी नौसेना व वायु सेना ने युद्धाभ्यास किया जो सोमवार को संपन्न हुआ। दरअसल, ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन की अमेरिका यात्रा के बाद से बीजिंग तिलमिलाया हुआ है।
भारत और अमेरिका ‘प्रमुख रक्षा भागीदार’
भारत-अमेरिका ने हवाई अभ्यास की शुरुआत 2004 में की थी। पिछले कुछ वर्षों में इसमें तेजी आई है। अब जहां तक लड़ाकू विमानों का संबंध है तो यह भारत और अमेरिका के बीच अधिक इंटर ऑपरेबिलिटी के मार्ग को और प्रशस्त करेगा। अमेरिका भारतीय वायुसेना द्वारा चलाए जा रहे मेगा 114 मल्टी-रोल फाइटर प्रोग्राम को उत्सुकता से देख रहा है।
अमेरिका भारत को लॉकहीड मार्टिन के एफ-21 लड़ाकू विमान, बोइंग के एफ/ए -18 सुपर हॉर्नेट और जनरल एटॉमिक्स द्वारा बनाए गए एमक्यू -9 रीपर सशस्त्र ड्रोन बेचना चाहता है। वाशिंगटन और नई दिल्ली, दोनों ही जेट-इंजन प्रौद्योगिकी को साझा करने के तरीके को भी तलाश रहे हैं, जबकि अमेरिकी समूह जनरल इलेक्टि्रक (जीई) ने भारत में अपने सैन्य इंजनों के निर्माण करने की पेशकश की है।
पिछले महीने वायु सेना के सचिव फ्रैंक केंडल ने द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग में तेजी से विकास पर चर्चा करने और यूएस-इंडिया मेजर डिफेंस पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने के तरीकों का पता लगाने के लिए भारत की यात्रा की थी। भारतीय पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि भारत और अमेरिका एक ‘एयर इंफॉर्मेशन शेयरिंग एग्रीमेंट’ को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। दोनों देश अब इस वार्ता को अंतिम रूप देने के शुरुआती चरण में हैं, जो कि रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच मूलभूत समझौतों से अलग होगा।
इससे पहले फरवरी 2023 में हुए एयरो इंडिया के पिछले संस्करण के दौरान अमेरिका ने अपनी वायु शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए एफ-35 और एफ-16 लड़ाकू विमान और सुपरसोनिक बमवर्षक बी-1बी लांसर्स भेजे थे।