ब्लिट्ज ब्यूरो
अयोध्या में बन रहा दिव्य राम मंदिर शानदार शिल्प कौशल और आधुनिक इंजीनियरिंग का श्रेष्ठ नमूना बनेगा। मंदिर का निर्माण जोर-शोर से चल रहा है। कोशिश हो रही है कि अगले पांच महीने में निर्माण के पहले चरण का काम पूरा हो जाए। अगले साल जनवरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी है। मंदिर के बाहरी व भीतरी परिसरों को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है।
अब दूर नहीं दर्शन
अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य उद्घाटन समारोह के पूर्व ही लगभग पूरा हो जाएगा। जनवरी 2024 के पहले हफ्ते तक दूसरे तल का निर्माण कार्य संपन्न हो जाने की बात बताई गई है। बड़ी बात यह है कि मंदिर के गर्भगृह का मंडप भी बन चुका है। मणिराम दास छावनी के ट्रस्ट के सदस्य महंत कमल नयन दास कह चुके हैं कि 14-15 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। राम मंदिर के भव्य उद्घाटन का समारोह दिसंबर में ही शुरू हो जाएगा।
पंचकोसी मार्ग का सीधा रास्ता मंदिर तक
अयोध्या में पंचकोसी यात्रा का अपना विशेष धार्मिक महत्व है। यह यात्रा दशकों से चली आ रही है। कहा जाता है कि पांच कोस तक श्रद्धालु भगवान की परिक्रमा करते हैं। श्रीराम जन्मभूमि को लेकर जब विवाद का दौर आया, तो पंचकोसी यात्रा एक तरह से ठहर-सी गयी थी। अब पंचकोसी यात्रा को भव्यता प्रदान की जा रही है। बड़ी बात यह है कि पंचकोसी यात्रा की शुरुआत और अंत मंदिर के द्वार से ही होगी। मंदिर प्रांगण से कुछ दूर तक अंडरग्राउंड रास्ता बनाया जा रहा है। कुछ भाग बन कर तैयार भी हो गए हैं। जब पंचकोसी मार्ग पूरी तरह बन कर तैयार हो जाएगा, तो श्रद्धालुओं का सीधा जुड़ाव श्रीराम मंदिर से हो हो जाएगा।
प्रारंभिक सीढ़ी से ही भगवान श्रीराम के दर्शन
भगवान श्रीराम के मंदिर के गर्भगृह की भव्यता एक अलग ही छटा बिखेर रही है। गर्भगृह पूरी तरह बन कर तैयार है। इसके बीचोंबीच भगवा ध्वज श्रीराम के स्थापित होने का इंतजार कर रहा है। मंदिर के मुख्य द्वार से ही गर्भगृह स्पष्ट नजर आएगा। हजारों की भीड़ में भी श्रद्धालु प्रारंभिक सीढ़ी से ही भगवान के दर्शन कर सकेंगे।
मंदिर को भव्य बना रहे तीन द्वार
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के मंदिर की भव्यता में तीन द्वार चार चांद लगाएंगे। एक दर्जन से अधिक सीढ़ियों के सहारे जब आप मंदिर की ओर जाएंगे, तो पहले मंदिर का मुख्य द्वार मिलेगा। इसके अलावा मंदिर के बाईं ंऔर दाईं ंतरफ भी दो भव्य द्वार हैं। व्यवस्था ऐसी है कि हजारों श्रद्धालु एक साथ भगवान के दर्शन कर पाएं।
गर्भगृह से ही सटा परिक्रमा मार्ग भी है। इस मार्ग की दीवारों पर सुंदर चित्रकारी की गई है। देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाई गई हैं।
निर्माण सेवा में देश भर के कामगार
देशभर से आए हजारों श्रमिक श्रीराम मंदिर के साथ-साथ अन्य मंदिरों के निर्माण में जुटे हैं। बिहार- झारखंड के अलावा बंगाल, उत्तर प्रदेश सहित देश के कई राज्यों के कामगार मंदिर निर्माण में भूमिका निभा रहे हैं।
अब तक खर्च हुए 900 करोड़ रुपये
अयोध्या में बन रहे भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर पर अब तक खर्च हुए पैसों का विवरण भी सामने आया है। राम मंदिर के निर्माण में अब तक 900 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जबकि 3000 करोड़ रुपये अभी भी राम मंदिर ट्रस्ट के बैंक खाते में सुरक्षित बताए जा रहे हैं।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रीरामलला की मूर्ति की फोटो प्रसाद के साथ राम भक्तों को वितरित की जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा के समय श्रीरामलला के श्रृंगार वस्त्र, पूजा पद्धति और मंत्रोच्चार को लेकर बनाई गई धार्मिक कमेटी ही निर्णय लेगी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने का भी फैसला किया है।
आमंत्रण के लिए प्रमुख लोगों की लिस्ट
अयोध्या में रामलला के अभिषेक समारोह को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। ट्रस्ट राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित करने के लिए 2,500 प्रमुख लोगों की लिस्ट तैयार कर रहा है। इस लिस्ट में खेल जगत के लोग, पूर्व सेना कर्मी और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों के अलावा राम मंदिर आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों के सदस्य और देश के प्रमुख मंदिरों के प्रतिनिधि शामिल हैं।