ब्लिट्ज ब्यूरो
वाराणसी। रामनवमी के अवसर पर वाराणसी में कुछ खास हुआ। मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम की आरती की और सोहर (जन्मोत्सव गीत) गाकर सबको बधाई दी। इस दौरान मुस्लिम महिला फाउंडेशन की प्रतिनिधि नाजनीन अंसारी ने कहा, ‘धर्म बदलने से न पूर्वज बदल सकते हैं, न मातृभूमि और न ही पूर्वजों के भगवान राम। जब तक हमारे पूर्वज भगवान राम के नाम से जुड़े थे, तब तक दुनिया में उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था पर अब लोग शक की दृष्टि से देखते हैं। हम जड़ों से जुड़े रहेंगे तो हमारा सम्मान बना रहेगा।
मुस्लिम बेटियों को अधिकार मिले
रामनवमी पर मुस्लिम महिलाओं ने भगवान राम से कामना की कि आदि विश्वेश्वर मंदिर परिसर औरंगजेब के कलंक से मुक्त हो जाए और ज्योतिर्लिंग पर जल्दी पूजा शुरू हो। साथ ही समस्त भारत के लोग अपने पूर्वजों, परंपराओं, मातृभूमि से जुड़कर रहें।
मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम और माता जानकी से ये मन्नत भी मांगी कि दुनिया भर में मुस्लिम बेटियों को उनका जीने का अधिकार मिले। साथ ही हलाला जैसी कुरीति खत्म हो।
रामजी की आरती से कोई भी धर्म खतरे में नहीं
मुस्लिम महिला फाउंडेशन की जिलाध्यक्ष रजिया सुल्ताना ने कहा कि हम सभी के पूर्वज एक हैं। हमें नफरत नहीं बल्कि प्रेम के संस्कार मिले हैं। इसलिये हम भारतीय संस्कृति का पालन कभी नहीं छोड़ेंगे। हमने रोजा रखा है, रामजी की आरती भी कर रहे हैं। इससे सौहार्द बढ़ेगा और कोई भी धर्म खतरे में नहीं पड़ेगा। रामनवमी को भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम के बाल रूप की पूजा की जाती है।