नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने क्वांटम टेक्नोलॉजी आधारित आर्थिक विकास और भारत को इस क्षेत्र में अग्रणी राष्ट्र बनाने के लिए ‘राष्ट्रीय क्वांटम मिशन’ (एनक्यूएम) को मंजूरी दे दी है। पीएम मोदी की सरकार का मानना है कि ‘राष्ट्रीय क्वांटम मिशन’ दुनिया में भारत को मेगा क्वांटम जम्प प्रदान करेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम मोदी की अध्यक्षता में गत 19 अप्रैल को 6,003.65 करोड़ रुपये की कुल लागत के साथ 2023-24 से 2030-31 तक के लिए राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को मंजूरी प्रदान की। केंद्र सरकार के अनुसार इससे वैज्ञानिक और औद्योगिक शोध एवं विकास कार्यों को मदद पहुंचाई जाएगी। पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कई क्रांतिकारी कार्य किए हैं। यह मिशन इस दिशा में एक बड़ा कदम है।
इससे जुड़ी तकनीक वाला भारत 7वां देश
फिलहाल दुनिया में अभी तक इन छह देशों अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, आॅस्टि्रया, फिनलैंड और चीन के पास इससे जुड़ी तकनीक है लेकिन ये सभी देश अनुसंधान एवं विकास के चरण में हैं। ऐसे में अब भारत भी इस तकनीक का उपयोग कर इन देशों की बराबरी करने जा रहा है।
कैबिनेट के फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और अनुराग ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि मिशन के तहत क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम कम्युनिकेशन, क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलाॅजी व क्वांटम सामग्री एवं उपकरण के क्षेत्र में चार केंद्र बनाए जाएंगे। इन्हें चोटी के शैक्षणिक और शोध-अनुसंधान से जुड़े क्षेत्रों में स्थापित किया जाएगा। इस मिशन का संचालन विज्ञान और तकनीक विभाग करेगा।
इसमें एक मिशन निदेशक होंगे और उनकी सहायता के लिए एक गर्वनिंग बाडी होगी, जिसकी अध्यक्षता तकनीक और उद्योग के क्षेत्र के ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक अथवा उद्यमी करेंगे। इसका उद्देश्य इंटरमीडिएट स्तर के क्वांटम कंप्यूटर का विकास करने के साथ ही सुरक्षित संचार व्यवस्था भी तैयार करना है।
क्वांटम तकनीक आधारित आर्थिक विकास के साथ-साथ भारत को इस क्षेत्र में अग्रणी राष्ट्र बनाएगा एनक्यूएम
रक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, फार्मा, संचार और ऊर्जा क्षेत्रों में मिलेगी मदद : क्वांटम तकनीक में सामान्य कंप्यूटर से कई गुना अधिक डाटा कई गुना कम समय में प्रोसेस किया जा सकता है। इस तकनीक का स्वास्थ्य, फार्मा, संचार, रक्षा, डाटा सुरक्षा, वित्तीय और ऊर्जा क्षेत्रों के साथ-साथ दवाओं के निर्माण और अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में व्यापक उपयोग हो सकता है। यह डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, आत्मनिर्भर भारत जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को भी पूरा करने में मदद करेगा। यह मिशन सटीक समय, संचार व नेविगेशन के लिए परमाणु प्रणालियों और परमाणु घड़ियों में उच्च संवेदनशीलता से लैस मैग्नेटोमीटर विकसित करने में मदद करेगा। यह क्वांटम उपकरणों के निर्माण के लिए सुपरकंडक्टर्स, नवीन सेमीकंडक्टर संरचनाओं और सांस्थितिक (टोपोलॉजिकल) सामग्रियों आदि जैसी क्वांटम सामग्रियों के डिजाइन और संश्लेषण में भी सहायता करेगा। इसके तहत क्वांटम संचार, संवेदन और मौसम विज्ञान संबंधी अनुप्रयोगों के लिए एकल फोटॉन स्रोत/डिटेक्टर और उलझे हुए फोटॉन स्रोत भी विकसित किए जाएंगे। देश के भीतर दो हजार किलोमीटर की सीमा में ग्राउंड स्टेशनों के बीच उपग्रह आधारित सुरक्षित क्वांटम कम्युनिकेशन, अन्य देशों के साथ लंबी दूरी का सुरक्षित क्वांटम कम्युनिकेशन, दो हजार किलोमीटर से अधिक के दायरे में अंतर शहरी क्वांटम नेटवर्क की स्थापना भी इस मिशन के अन्य पहलू हैं। ऐसे में क्वांटम प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों पर राष्ट्रीय मिशन के लिए 8 साल की अवधि में करोड़ों रुपयों का परिव्यय किया जाएगा।मिशन के उद्देश्य की बात करें तो दूसरी क्वांटम क्रांति के बीच क्वांटम कंप्यूटिंग से जुड़ी तकनीकों का विकास करना और अमेरिका तथा चीन के बाद भारत को इस क्षेत्र में विश्व के तीसरे सबसे बड़े देश के रूप में स्थापित करना भी इसका लक्ष्य है जिसके लिए भारत तैयारी कर चुका है।
क्वांटम प्रौद्योगिकी/कंप्यूटिंग : क्वांटम प्रौद्योगिकी, क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों पर आधारित है जिसे 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में परमाणुओं और प्राथमिक कणों के पैमाने पर प्रकृति का वर्णन करने के लिए विकसित किया गया था।
चुटकियों में बड़े डेटाबेस को खोजना होगा आसान : दरअसल, क्वांटम कंप्यूटर क्वांटम टू लेवल सिस्टम (क्वांटम बिट्स या क्यूबिट्स) का उपयोग करके जानकारी को स्टोर और प्रोसेस करता है। इससे चुटकियों में बड़े डेटाबेस को खोजना आसान होगा। वहीं प्राइम फैक्टराइजेशन क्वांटम एल्गोरिदम का सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ है क्योंकि इसका उपयोग आरएसए एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए किया जा सकता है जो सुरक्षित संचार के लिए एक लोकप्रिय तरीका है। ऐसे में अब भारतीय भौतिक विज्ञानी और इंजीनियर क्वांटम दुनिया में लंबी छलांग लगाने जा रहे हैं, जिसमें कंप्यूटिंग, संचार, क्रिप्टोग्राफी और कई अन्य के लिए रोमांचक तकनीकों को विकसित करने के रहस्य छिपे हैं।
क्या है क्वांटम टेक्नोलॉजी ? : क्वांटम टेक्नोलॉजी क्वांटम सिद्धांत पर आधारित है, जो परमाणु और उप-परमाणु स्तर पर ऊर्जा और पदार्थ की प्रकृति की व्याख्या करती है। इसकी सहायता से ‘डेटा’ और ‘इंफॉर्मेशन’ को कम-से-कम समय में प्रोसेस किया जा सकता है। बता दें कि क्वांटम तकनीक भौतिकी की एक शाखा है। आज के कंप्यूटरों में प्रयोग होने वाली तकनीक से ये बेहतर मानी जा रही है। इसका प्रयोग काफी सफल रहा है। इस तकनीक से कंप्युटिंग में काफी आसानी हो रही है। डाटा प्रोसेस करने और उसे जरूरत के हिसाब से तैयार करना काफी आसान हो गया है। जो लोग कंप्यूटर को समझते हैं, वे यह समझ सकते हैं कि आज के पारंपरिक कंप्यूटर बाइनरी 0 और 1 अवस्थाओं के रूप में जानकारी संग्रहीत करते हैं। वहीं क्वांटम कंप्यूटर क्वांटम बिट्स का उपयोग करके गणना करने के लिए प्रकृति के मूलभूत नियमों पर आधारित होते हैं। यहां पर बिट के विपरीत जो कि 0 या 1 क्यूबिट अवस्थाओं के संयोजन में हो सकता है, इसके विपरीत क्वांटम बड़ी गणना की अनुमति देता है और उन्हें जटिल समस्याओं को हल करने की क्षमता देता है जिसमें की सबसे शक्तिशाली पारंपरिक सुपर कंप्यूटर भी सक्षम नहीं हैं।