ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा की कार्यवाही के बाद नए संसद भवन की कैंटीन में चुनिंदा सांसदों के साथ दोपहर का भोजन किया। इनमें सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों के सांसद शामिल थे। इसके लिए कैंटीन में पहले से ही इंतजाम करके रखा गया था। मोदी समेत आठ सांसदों ने शाकाहारी भोजन किया।
सांसदों को अलग-अलग फोन कर बुलाया
प्रधानमंत्री ने सांसदों को अलग-अलग फोन कर बुलाया था। मोदी के साथ कैंटीन में भोजन करने वाले सांसदों में एल मुरूगन (भाजपा), रितेश पांडे (बसपा), हिना गावित (भाजपा), कोन्याक (भाजपा), एन प्रेमचंदन (रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी), सस्मित पात्रा (बीजद), राम मोहन नायडू (टीडीपी) और लद्दाख के सांसद जमयाग सेरिग नामग्यात शामिल थे।
प्रधानमंत्री ने क्यों बुलाया किसी को नहीं था पता
सूत्रों के अनुसार इन सांसदों को कॉल आई थी, लेकिन किसी को जानकारी नहीं थी कि प्रधानमंत्री ने क्यों बुलाया है? जब सभी सांसद मोदी के पास गए, तो उन्होंने मुस्कराते हुए कहा कि चलिए, आज मैं आपको एक सजा सुनाता हूं। फिर प्रधानमंत्री सभी को अपने साथ लेकर संसद की कैंटीन गए और भोजन किया।
राजनीति पर नहीं हुई बात
प्रधानमंत्री ने सांसदों के साथ कई अनुभव बांटे। सांसदों ने मोदी से सवाल भी पूछे, हालांकि राजनीति पर कोई बात नहीं हुई। प्रधानमंत्री के लाइफस्टाइल, कब उठते हैं, कब सोते हैं आदि सवाल सांसदों ने पूछे। मोदी ने बताया कि वह रात में सिर्फ साढ़े तीन घंटे सोते हैं और सूर्यास्त के बाद कुछ नहीं खाते हैं।
शरीफ के घर पहुंचने का किस्सा सुनाया
मोदी ने अपने उस अफगानिस्तान दौरे का भी जिक्र किया कि कैसे वह अफगानिस्तान में नई संसद के उद्घाटन से लौट रहे थे तो वहीं से पाकिस्तान गए।
नवाज शरीफ के घर शादी में किसी सुरक्षा कर्मी को भी उनके पहुंचने का पहले से पता नहीं था। पाक से लौटकर यह वाजपेयी के बर्थ-डे के कार्यक्रम में शामिल हुए।
श्वेत पत्र पर भी बात की
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि श्वेत पत्र लाने के पीछे कारण यह है कि जब उनको पता चला यूपीए सरकार में इस तरह का भ्रष्टाचार हुआ है, देश की इतनी क्षति हुई है, लोगों के पैसे की लूट और बर्बादी हुई, तब यह निर्णय लिया गया कि यह सब देश के लोगों के सामने आना चाहिए।