नई दिल्ली। अनादि काल से भारत विज्ञान के क्षेत्र में दक्ष परम्परा वाला देश रहा है। भारत ने विज्ञान के सभी क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित किया है। भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस हर साल 11 मई को साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस बार देश ने अपना 32वां राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि टेक्नोलॉजी की देश को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। टेक्नोलॉजी और साइंस ने भारत की प्रगति को नई गति व दिशा प्रदान की है।
यहां यह बताना भी जरूरी है कि पिछले 9 वर्षों में पीएम मोदी की सरकार ने विज्ञान और टेक्नोलॉजी के पावर हाउस के रूप में देश को पेश करने के लिए साइंटिफिक इंफ्रास्ट्रक्चर और पॉलिसीज में अनेक महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इसी का नतीजा है कि आज भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में लंबी छलांग लगाकर 81 से 40वें स्थान पर पहुंच गया है और आज वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में विश्व के टॉप 5 देशों में एक है। 2014 के मुकाबले आज भारत में स्टार्टअप्स की संख्या 300 गुना बढ़कर 97000 हो गई है। 115 यूनिकॉर्न के साथ आज भारत अमेरिका और चीन के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बन गया है।
डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, मेक इन इंडिया, इन्वेस्ट इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे कार्यक्रमों के जरिए देश में नवाचार और उद्यमशीलता की संस्कृति को बढ़ावा मिला है। अटल इनोवेशन मिशन में 10,000 अटल टिंकरिंग लैब, अटल इनक्यूबेशन सेंटर, अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर और इंस्पायर स्कॉलरशिप के जरिए स्कूली बच्चों में नवाचार की भावना को प्रोत्साहित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में कहा कि सरकार का प्रयास है कि छठी क्लास से ही विद्यार्थी अटल टिंकरिंग लैब में जाएं और फिर कॉलेज से निकलते ही उनको इनक्यूबेशन स्टार्टअप्स का एक इकोसिस्टम तैयार मिले। पीएम मोदी ने कहा कि हमें 2047 के लिए एक स्पेशल लक्ष्य मिला है। हमें अपने देश को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है। चाहे वह देश की आर्थिक वृद्धि हो या सतत विकास का लक्ष्य अथवा नवाचार (इनोवेशन) के लिए एक समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम) बनाना, टेक्नोलॉजी हर कदम पर महत्वपूर्ण है।
साइंस और टेक्नोलॉजी से हुए बड़े बदलाव
पीएम ने कहा कि साइंस और टेक्नोलॉजी पर जोर ने बड़े बदलाव का आगाज किया है। 2014 में हमारे पास केवल 150 इन्क्यूबेशन सेंटर थे पर अब 650 से अधिक हो गए हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि 10 साल पहले करीब 4,000 पेटेंट सालाना रजिस्टर्ड होते थे लेकिन अब यह 30,000 से अधिक हैं। सालाना 70,000 ट्रेड मार्क रजिस्टर्ड किए जाते थे, अब यह आंकड़ा 2.5 लाख से अधिक है। आज, भारत हर उस दिशा में आगे बढ़ रहा है जो एक टेक्नोलॉजी लीडर देश के लिए आवश्यक है।
तकनीक का समावेशी एजेंट के रूप में उपयोग
पीएम ने कहा कि जेएएम (जन धन-आधार-मोबाइल) ट्रिनिटी हो, कोविन पोर्टल हो या किसानों के लिए डिजिटल बाजार, सरकार ने टेक्नोलॉजी का उपयोग समावेशी एजेंट के रूप में किया है।
पोखरण परमाणु परीक्षण सबसे शानदार दिन
पीएम मोदी ने 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण को भारत के इतिहास का सबसे शानदार दिन बताया और कहा कि देश के लिए टेक्नोलॉजी दबदबा दिखाने का नहीं बल्कि विकास को गति देने का एक माध्यम है।
भारत सरकार के 11 मंत्रालयों और विभागों द्वारा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सप्ताह 2023 का आयोजन किया गया जिसकी थीम थी ‘स्कूल टू स्टार्ट अप्स’। इसका मकसद था युवाओं को नवाचार के लिए प्रेरित करना। उन्हें ऐसे उद्यमियों और टेक्नोप्रेन्योर के हैरतअंगेज इनोवेशन के बारे में जानकारी देना जिन्होंने एंटरप्रेन्योरशिप के जरिए नवाचार और स्टार्टअप्स में देश में उल्लेखनीय सफलताएं हासिल की हैं। इससे पीएम मोदी के भारत को आत्म निर्भर बनाने के सपने को साकार करने का मार्ग भी प्रशस्त होगा। ऐसे में सरकार की प्राथमिकता है आजादी के अमृत काल में आने वाले 25 सालों में देश को प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक वैश्विक लीडर के तौर पर स्थापित करना।
पीएम मोदी ने 5800 करोड़ रुपये से अधिक की कई वैज्ञानिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया।क्या है इन्क्यूबेशन सेंटर
बिजनेस इनक्यूबेटर ऐसे संस्थान हैं जो उद्यमियों को उनके व्यवसाय को विकसित करने में सहायता करते हैं, खासकर शुरुआती चरणों में। ये स्टार्ट-अप और शुरुआती चरण की कंपनियों के विकास और सफलता को गति देने के लिए तैयार संगठन हैं।
क्या है कॉलेज में इनक्यूबेशन सेंटर?
इनक्यूबेशन सेंटर अपने छात्रों को उद्यमिता में पहला अनुभव प्राप्त करने, संस्थान में नवाचार को बढ़ावा देने और अंतरिक्ष, सलाह, प्रशिक्षण कार्यक्रम, नेटवर्किंग और अन्य लाभों को समझने में सक्षम बनाता है।
नई दिल्ली। अनादि काल से भारत विज्ञान के क्षेत्र में दक्ष परम्परा वाला देश रहा है। भारत ने विज्ञान के सभी क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित किया है। भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस हर साल 11 मई को साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस बार देश ने अपना 32वां राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि टेक्नोलॉजी की देश को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। टेक्नोलॉजी और साइंस ने भारत की प्रगति को नई गति व दिशा प्रदान की है।
यहां यह बताना भी जरूरी है कि पिछले 9 वर्षों में पीएम मोदी की सरकार ने विज्ञान और टेक्नोलॉजी के पावर हाउस के रूप में देश को पेश करने के लिए साइंटिफिक इंफ्रास्ट्रक्चर और पॉलिसीज में अनेक महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इसी का नतीजा है कि आज भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में लंबी छलांग लगाकर 81 से 40वें स्थान पर पहुंच गया है और आज वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में विश्व के टॉप 5 देशों में एक है। 2014 के मुकाबले आज भारत में स्टार्टअप्स की संख्या 300 गुना बढ़कर 97000 हो गई है। 115 यूनिकॉर्न के साथ आज भारत अमेरिका और चीन के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बन गया है।
डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, मेक इन इंडिया, इन्वेस्ट इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे कार्यक्रमों के जरिए देश में नवाचार और उद्यमशीलता की संस्कृति को बढ़ावा मिला है। अटल इनोवेशन मिशन में 10,000 अटल टिंकरिंग लैब, अटल इनक्यूबेशन सेंटर, अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर और इंस्पायर स्कॉलरशिप के जरिए स्कूली बच्चों में नवाचार की भावना को प्रोत्साहित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में कहा कि सरकार का प्रयास है कि छठी क्लास से ही विद्यार्थी अटल टिंकरिंग लैब में जाएं और फिर कॉलेज से निकलते ही उनको इनक्यूबेशन स्टार्टअप्स का एक इकोसिस्टम तैयार मिले। पीएम मोदी ने कहा कि हमें 2047 के लिए एक स्पेशल लक्ष्य मिला है। हमें अपने देश को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है। चाहे वह देश की आर्थिक वृद्धि हो या सतत विकास का लक्ष्य अथवा नवाचार (इनोवेशन) के लिए एक समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम) बनाना, टेक्नोलॉजी हर कदम पर महत्वपूर्ण है।
साइंस और टेक्नोलॉजी से हुए बड़े बदलाव
पीएम ने कहा कि साइंस और टेक्नोलॉजी पर जोर ने बड़े बदलाव का आगाज किया है। 2014 में हमारे पास केवल 150 इन्क्यूबेशन सेंटर थे पर अब 650 से अधिक हो गए हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि 10 साल पहले करीब 4,000 पेटेंट सालाना रजिस्टर्ड होते थे लेकिन अब यह 30,000 से अधिक हैं। सालाना 70,000 ट्रेड मार्क रजिस्टर्ड किए जाते थे, अब यह आंकड़ा 2.5 लाख से अधिक है। आज, भारत हर उस दिशा में आगे बढ़ रहा है जो एक टेक्नोलॉजी लीडर देश के लिए आवश्यक है।
तकनीक का समावेशी एजेंट के रूप में उपयोग
पीएम ने कहा कि जेएएम (जन धन-आधार-मोबाइल) ट्रिनिटी हो, कोविन पोर्टल हो या किसानों के लिए डिजिटल बाजार, सरकार ने टेक्नोलॉजी का उपयोग समावेशी एजेंट के रूप में किया है।
पोखरण परमाणु परीक्षण सबसे शानदार दिन
पीएम मोदी ने 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण को भारत के इतिहास का सबसे शानदार दिन बताया और कहा कि देश के लिए टेक्नोलॉजी दबदबा दिखाने का नहीं बल्कि विकास को गति देने का एक माध्यम है।
भारत सरकार के 11 मंत्रालयों और विभागों द्वारा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सप्ताह 2023 का आयोजन किया गया जिसकी थीम थी ‘स्कूल टू स्टार्ट अप्स’। इसका मकसद था युवाओं को नवाचार के लिए प्रेरित करना। उन्हें ऐसे उद्यमियों और टेक्नोप्रेन्योर के हैरतअंगेज इनोवेशन के बारे में जानकारी देना जिन्होंने एंटरप्रेन्योरशिप के जरिए नवाचार और स्टार्टअप्स में देश में उल्लेखनीय सफलताएं हासिल की हैं। इससे पीएम मोदी के भारत को आत्म निर्भर बनाने के सपने को साकार करने का मार्ग भी प्रशस्त होगा। ऐसे में सरकार की प्राथमिकता है आजादी के अमृत काल में आने वाले 25 सालों में देश को प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक वैश्विक लीडर के तौर पर स्थापित करना।
पीएम मोदी ने 5800 करोड़ रुपये से अधिक की कई वैज्ञानिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया।क्या है इन्क्यूबेशन सेंटर
बिजनेस इनक्यूबेटर ऐसे संस्थान हैं जो उद्यमियों को उनके व्यवसाय को विकसित करने में सहायता करते हैं, खासकर शुरुआती चरणों में। ये स्टार्ट-अप और शुरुआती चरण की कंपनियों के विकास और सफलता को गति देने के लिए तैयार संगठन हैं।
क्या है कॉलेज में इनक्यूबेशन सेंटर?
इनक्यूबेशन सेंटर अपने छात्रों को उद्यमिता में पहला अनुभव प्राप्त करने, संस्थान में नवाचार को बढ़ावा देने और अंतरिक्ष, सलाह, प्रशिक्षण कार्यक्रम, नेटवर्किंग और अन्य लाभों को समझने में सक्षम बनाता है।