नई दिल्ली। यूनाइटेड नेशंस ने कहा है कि भारत ने अपनी डिजिटल क्रांति से देश में गरीबी घटाई है। भारत में विकास का बाज़ार बहुत ही जोरों पर चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में ही नहीं, सारी दुनिया में इस बात का संदेश दिया है कि अब आम नागरिक के विकास की बात कागज़ों पर नहीं होगी।
असली विकास को सामान्य जन के घर तक पहुंचाकर विकास की परिभाषा को जमीन पर, हकीकत और असलियत में उतारा जाएगा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 25 करोड़ लोगों को गरीबी की रेखा से बाहर निकालकर देश के अंदर और देश के बाहर, समूची दुनिया में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इसी फार्मूले से भारत व दुनिया के कमजोर देश विकसित होंगे और संयुक्त राष्ट्र का एसडीजी यानी सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स 2030 के वैश्विक विकास के एजेंडे का संकल्प, सही मायने में पूरा होगा।
अच्छी खबर तो यह है कि अब ये बात संयुक्त राष्ट्र यानी यूनाइटेड नेशंस को भी समझ में आने लगी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस ने भारत के डिजिटल ढांचे की तारीफ करते हुए, इसे अतुल्य भारत बताया है। डेनिस फ्रांसिस ने कहा कि नई डिजिटल व्यवस्था से भारत में गरीबी कम हुई है और भारत को अपने डिजिटल ढांचे से दूसरे देशों की तुलना में ज्यादा फायदा मिला है।
हर नागरिक के विकास की बात सिर्फ कागजों पर नहीं, यथार्थ के धरातल पर उतारी
डेनिस फ्रांसिस ने साफ तौर पर कहा है कि भारत में हो रही डिजिटल क्रांति और उससे आम आदमी को होने वाले लाभ की सीख दुनिया के हर एक देश को लेनी चाहिए।
यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली यानी यूएनजीए के 78 वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने एक इंटरव्यू में प्रमुखता से कहा कि जब से मैं भारत से लौटा हूं और जब भी मैं भारत के बारे में मन में सोचता हूं, तो मुझे अतुल्य भारत की याद आती है। अतुल्य भारत ने मेरे मन और मस्तिष्क में गहरी छाप छोड़ी है।
25 करोड़ लोगों को गरीबी की रेखा से निकाल कर दुनिया में डंका बजाया मोदी ने
यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने 22 से 26 जनवरी तक भारत की आधिकारिक यात्रा की थी। अपनी इस यात्रा के दौरान फ्रांसिस ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ व्यापक विचार विमर्श किया था।
यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली अध्यक्ष ने बताया कि भारत ने सिर्फ एक हैंडसेट और डिजिटिलीकरण की तकनीक से देश के लाखों लोगों को आर्थिक लेन देन के एक यूनिफार्म प्लेटफॉर्म से जोड़कर बहुत ही सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि डिजिटलाइजेेशन भारत का एक बहुत ही महत्वपूर्ण इनिशिएटिव है। डिजिटलाइजेशन से लागत कम होती है और आर्थिक सेवाएं ज्यादा अच्छी तरह से और सस्ती दरों पर काम करती हैं।
उन्होंने भारत के प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा कि, भारत में डिजिटलाइजेशन का लाभ हर एक वर्ग को मिल रहा है। खासतौर पर महिलाओं को घर पर रहकर ही व्यापार और बैंक, दोनों के कामकाज को बढ़ाने का एकसाथ अच्छा मौक़ा मिल रहा है।
यूएनजीए अध्यक्ष ने कहा कि वह भारत के बुनियादी ढांचे के विकास के लिये किए जा रहे निवेश से बहुत ही प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास से देश की अर्थव्यवस्था बढ़ती है और उसका समग्र विकास होता है और नौकरियों की मांग बढ़ती है। कुल मिलाकर कहा जाये तो तेजी से बढ़ते, उभरते , चमकते और दमकते भारत का गुणगान सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि सारी दुनिया में हो रहा है।