विनोद शील
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सारा ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि देश का समग्र विकास हो और भारत 2047 तक एक संपूर्ण विकसित राष्ट्र बन जाए। किसी राष्ट्र का विकास तभी संभव है जब ग्रासरूट स्तर पर देश में विकास की बयार बहे। पीएम मोदी ने कहा कि ग्राम पंचायत के तेजी से काम करने की वजह से ही ब्लॉक का विकास हो पाता है। जब हर ग्राम पंचायत तेजी से काम करेगी तो ही हर ब्लॉक का विकास तेजी से होगा। ब्लॉक विकसित होंगे तो शहरों का विकास होगा और इसी तरह से राष्ट्र का समग्र विकास संभव है।
उन्होंने कहा कि मूलत: परिवर्तन के लिए सर्वांगीण विकास, सर्व-स्पर्शी विकास, सर्व-हितकारी विकास जरूरी होता है। इसलिए आवश्यक है कि हम ग्रासरूट पर परिवर्तन करते हुए आगे बढ़ें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनका लक्ष्य नए भारत को वैश्विक विकास का इंजन बनाना है। उन्होंने दावा किया कि देश जल्द ही दुनिया की आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरेगा।
दरअसल हमारे प्रदेशों व देश का विकास गांवों के विकास से सीधे जुड़ा हुआ है। महात्मा गांधी ने भी कहा था कि भारत गांवों का देश है और अगर गांवों का कायाकल्प हो जाए तो समूचे राष्ट्र का विकास संभव हो सकेगा क्योंकि ग्रामीण विकास, ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और कौशल विकास के अवसर पैदा करता है । इससे लोगों की दक्षता, उत्पादकता, गतिशीलता, आय तथा जीवन स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ही सब कर लेगी, इस सोच से हमें बाहर आना है। समाज की शक्ति सबसे बड़ी शक्ति होती है। जिन-जिन ब्लॉक्स या जिलों में समाज को जोड़ने की ताकत है, मेरा अनुभव है वहां परिणाम जल्दी मिलते हैं। इसी क्रम में पीएम मोदी ने गत 30 सितंबर को यहां भारत मंडपम में देश में आकांक्षी ब्लॉकों के लिए ‘संकल्प सप्ताह’ का शुभारंभ किया। इसके पूर्व वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन’ के 20 साल पूरे होने पर भी उन्होंने भारत को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम ने 112 जिलों में 25 करोड़ से अधिक लोगों की जिंदगी बदल दी है। इस कार्यक्रम की सफलता ही अब आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम का आधार बनेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि इसी माह भारत मंडपम, जहां विश्व के नेता वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए थे, अब उन व्यक्तियों की मेजबानी कर रहा है जो जमीनी स्तर पर बदलाव लाते हैं। वो देश के दूर-सुदूर गांवों की चिंता करने वाले लोग हैं। आखिरी छोर पर बैठे हुए परिवार की चिंता करने वाले लोग हैं। उनकी भलाई के लिए योजनाओं को आगे बढ़ाने वाले लोग हैं। मेरे लिए यह शिखर सम्मेलन जी20 शिखर सम्मेलन जितना ही महत्वपूर्ण है।
– आकांक्षी जिला कार्यक्रम ने 112 जिलों में 25 करोड़ की जिंदगी बदली
– नया भारत सुशासन चाहता है, सरकार ही सब कर लेगी- यह सोच बदलें
स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम का नाम
पीएम मोदी ने कहा कि नया भारत शासन-प्रशासन में सुधार चाहता है। उन्होंने विश्वास जताया कि जिस प्रकार आकांक्षी जिला कार्यक्रम सफल हुआ है, उसी प्रकार आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम भी शत-प्रतिशत सफल होगा। पीएम मोदी ने कहा कि सिर्फ बजट ही बदलाव नहीं लाता, संसाधनों के सही प्रयोग से भी विकास संभव है। ये कार्यक्रम टीम भारत की सफलता का प्रतीक है। ये कार्यक्रम भविष्य के भारत के लिए अहम है। इसमें संकल्प से सिद्धि तक की बातें हैं। जब भी कभी आजादी के बाद बनी बेहतरीन योजनाओं का जिक्र होगा, तो उसमें आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि देश ऐसे मोड़ पर खड़ा है कि वह जल्द ही वैश्विक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह मेरी आपको गारंटी है कि अब से कुछ वर्षों में, आपकी आंखों के सामने भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा।’’अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आइएमएफ) का भी अनुमान है कि 2025 तक भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 2027 तक भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। अकेला भारत 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की ग्रोथ में 15 फीसदी का योगदान करेगा।
जीआईआई रैंकिंग में निरंतर सुधार
इस बीच वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) 2023 की रैंकिंग में भारत 40वें स्थान पर रहा है। जिनेवा स्थित विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत 132 देशों की सूची में एक बार फिर 40वें स्थान पर रहा है। सरकारी शोध संस्थान नीति आयोग की ओर से जारी बयान के अनुसार भारत पिछले कई वर्षों से जीआईआई में तेजी से आगे बढ़ रहा है। 2015 में वह 81वें स्थान पर था।
क्या है आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम
नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर करने और सभी के लिए समावेशी विकास ‘सबका साथ, सबका विकास’ सुनिश्चित करने के लिए सरकार के प्रयास के तहत इसकी शुरुआत हुई थी। 7 जनवरी 2023 को प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम लॉन्च किया था। इसका मकसद देश के 329 जिलों के 500 आकांक्षी ब्लॉकों में सुधार करना है।