ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। रक्षा उपकरणों में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में भारत ने देश के भीतर कार्ल गुस्ताफ एम4 हथियार प्रणाली का उत्पादन करने के लिए स्वीडिश रक्षा प्रमुख के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को एक बड़ा बढ़ावा है और यह अपने सशस्त्र बलों को अगली पीढ़ी के कंधे से लॉन्च किए जाने वाले बहुउद्देश्यीय हथियार से लैस करेगा।
कार्ल-गुस्ताफ स्वीडिश रक्षा निर्माता साब द्वारा विकसित एक मानव-पोर्टेबल, बहु-भूमिका हथियार प्रणाली है। यह अपनी मजबूती, उपयोग में आसानी और विभिन्न युद्ध स्थितियों में अनुकूलन क्षमता के लिए व्यापक रूप से प्रशंसित है।
कार्ल-गुस्ताफ के स्थानीय उत्पादन से भारतीय सशस्त्र बलों की युद्ध तत्परता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। हथियार प्रणाली की बहुमुखी प्रतिभा और प्रभावशीलता इसे पैदल सेना इकाइयों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बनाती है, जो उन्हें युद्ध के मैदान पर खतरों की एक विस्तृत श्रृंखला से निपटने की क्षमता प्रदान करती है। कार्ल गुस्ताफ एम4 भारत के घरेलू स्तर पर उत्पादित हथियारों के बढ़ते शस्त्रागार में एक और आयाम जोड़ता है। यह समझौता उन्नत व विश्वसनीय उपकरणों के साथ अपनी सेना को आधुनिक बनाने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस परियोजना की सफलता रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ पहल के भविष्य के दायरे को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होगी। यह अन्य हथियार प्रणालियों पर संभावित भविष्य के सहयोग का मार्ग प्रशस्त करता है, जिससे भारत अधिक आत्मनिर्भर सैन्य शक्ति बन जाता है।