ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। इस बार महाराष्ट्र में दो पूर्ण, दो विखंडित पार्टियों की खिचड़ी ने सीटों का बंटवारा इतना तंग कर दिया है कि नेताओं के बेहद करीबी माने जाने वाले अफसरों को एडजस्ट करना नेताओं के लिए भी मुश्किल हो गया है। टिकट की कतार में लगे रिटायर आईएएस एव आईपीएस अधिकारियों की सियासत में एंट्री नहीं हो पाई। डिप्टी सीएम के चहेते रिटायर आईएएस अधिकारी प्रवीण परदेशी के अलावा दिग्गज अध्िाकारी रहे राधेश्याम मोपलवार को भी टिकट नहीं मिली।
मुंबई महानगरपालिका के कमिश्नर और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के चहेते परदेशी ने उस्मानाबाद लोकसभा से चुनाव लड़ने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी, लेकिन यह सीट गठबंधन में अजीत पवार के कोटे में चली गई। माना जा रहा है कि वहां अर्चना पाटिल को अजित की पहली पसंद हैं। अर्चना बीजेपी विधायक राणा जगजीत सिंह की पत्नी हैं। कहा जा रहा है कि फडणवीस भी अर्चना को टिकट दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
मोपलवार का इंतजार नहीं हुआ खत्म
मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग के सपने को साकार करने वाले रिटायर आईएएस अधिकारी मोपलवार का नाम भी लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुकों की कतार में था, लेकिन अब तक उनका भी कुछ भी नहीं हुआ है।
प्रताप दिघावकर को छोड़ भामरे को मौका
प्रताप दिघावकर ने भी इसी उम्मीद से बीजेपी जॉइन की थी कि उन्हें पार्टी धुले लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवारी देगी, लेकिन पार्टी ने वर्तमान सांसद व पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री डॉक्टर सुभाष भामरे को प्राथमिकता दी। भामरे पर बीजेपी ने फिर से विश्वास जताया है और दिघावकर को टिकट नहीं दिया। बताया जा रहा है कि दिघावकर को विधानसभा चुनाव का आश्वासन दिया गया है।
अब्दुल रहमान वंचित बहुजन आघाडी के बैनर तले
आईआईटी कानपुर के छात्र व बिहार के मूल निवासी अब्दुल रहमान को वंचित बहुजन आघाडी ने धुले लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवारी दी है। वह 2002 से 2004 तक धुले में पुलिस अधीक्षक थे। 1997 बैच के अधिकारी ने सीएए का विरोध करते हुए 2019 में इस्तीफा दे दिया था। उस वक्त वह अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक थे।
नामदेव किरसान कांग्रेस की नाव पर
उत्पादन शुल्क विभाग के अधिकारी नामदेव किरसान को कांग्रेस ने गडचिरौली लोकसभा से उम्मीदवार बनाया है। कुछ दिन पहले ही उन्होंने वीआरएस ले लिया था।
टिकट नहीं, तो निर्दलीय उतरे
पूर्व आईएएस अधिकारी किशोर गजभिये इस बार भी लोकसभा के चुनाव मैदान में हैं। वह रामटेक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में किशोर गजभिये को कांग्रेस ने इसी रामटेक से उम्मीदवारी दी थी, लेकिन शिवसेना के कृपाल तुमाने ने गजभिये को 1,26,783 मतों के अंतर से पराजित किया था। इससे पहले भी गजभिये ने 2014 में उत्तर नागपुर विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वह चुनाव भी हार गए थे।
पूर्व आईएएस अधिकारी श्रीनिवास पाटिल को पिछली बार शरद पवार ने सतारा लोकसभा से चुनाव लड़ाया था। अब की बार उन्होंने चुनाव से तौबा कर ली। उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया है। इसकी जानकारी पाटिल ने शरद पवार को भी दे दी है। पाटिल ने सतारा सीट से पिछली बार बीजेपी के उदयन राजे भोसले को हराया था।