प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक नई इबारत लिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारतवासियों व दुनिया के लोगों तक रेडियो के माध्यम से अनूठे और रचनात्मक मासिक जनसंपर्क कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 100वीं कड़ी का प्रसारण सचमुच ‘मील का पत्थर’ बन चुका है। 3 अक्टूबर, 2014 को पहली कड़ी प्रसारित होने के बाद से ही पीएम मोदी की राष्ट्र के साथ लाभकारी संवाद की प्रणाली ने हमारे देशवासियों के साथ एक अनूठा संबंध कायम किया है। देशवासियों ने इसके लिए असीमित उत्साह के साथ अपनी-अपनी राय दी। ‘मन की बात’ के जरिए प्रधानमंत्री हर महीने लोगों के साथ संवाद स्थापित करते रहे हैं। इस दौरान लोगों ने जहां भारत के लिए सुझावों को साझा किया है, वहीं अपनी उपलब्धियों, खुशियों, चिंताओं और क्षणों को भी साझा किया। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अपने देशवासियों के साथ बातचीत के रूप में पहुंच और लोकप्रियता के मामले में ‘मन की बात’ का अन्य किसी कार्यक्रम से दूर -दूर तक कोई सानी नहीं है। यह ऐतिहासिक रूप से एक ऐसा उदाहरण है जो किसी भी देश में अन्यत्र नहीं मिल सकता।
‘मन की बात’ अनोखी और अभूतपूर्व है। यह किसी एक ने नहीं बल्कि करोड़ों राष्ट्रवासियों ने महसूस किया है क्योंकि ‘मन की बात’ में संवाद की प्रक्रिया प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण को साझा करते हुए आगे बढ़ती है। यही इसकी सफलता का राज है जिसकी वजह से वर्तमान तथा आगामी पीढ़ी के लिए भी इसकी आउटरीच असीमित हो गई है।
‘मन की बात’ की विकास यात्रा 3 अक्टूबर, 2014 से प्रारंभ हुई। इसमें भागीदार बनने के लिए भारत के लाखों लोग आकर्षित और प्रेरित हो रहे हैं। हर एपिसोड के साथ ‘मन की बात’ के श्रोताओं की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है और हो रही है। यही इस कार्यक्रम की उल्लेखनीय सफलता का प्रमाणपत्र है। इस कार्यक्रम के जरिए पीएम मोदी विभिन्न समुदायों के साथ सामाजिक परिवर्तन और राष्ट्रीय विकास के लिए काम करने के प्रति देशवासियों को शिक्षित करने, मार्गदर्शन देने, संरक्षण प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें प्रेरित करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। एक बात सबसे अधिक महत्वपूर्ण यह है कि ‘मन की बात’ पूरी तरह से गैर-राजनीतिक है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इसकी पुष्टि की है।
जिस प्रकार से प्रधानमंत्री मोदी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने देशवासियों के साथ व्यक्तिगत रूप से जुड़ते हैं, उससे हम सभी में एक नवीन ऊर्जा का संचार होता है। इससे हमारे भीतर देश व स्वयं के प्रति भी गर्व की भावना का पीएम संचार करते हैं। जब ‘मन की बात’ में पहली बार स्थानीय कला और कारीगरों को लाया गया तो इस तरह उन्हें वो जरूरी पहचान और ब्रांड वैल्यू मिली जिसके वे सच्चे मायनों में हकदार भी थे।
गौरतलब है कि इसने उनके लिए बाजार में अपनी जगह बनाने के अनूठे अवसर खोले। इसके अलावा ‘मन की बात’ का एक और उल्लेखनीय पहलू यह भी है कि इसने खादी को लोकप्रिय बनाने में मह्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार में अभूतपूर्व योगदान मिला। कार्यक्रम के प्रभाव को इस तथ्य से जाना जा सकता है कि मोदी जी के ‘मन की बात’ में घरेलू खिलौना बनाने और स्थानीय खिलौनों के समर्थन का जिक्र करने के बाद से खिलौनों का आयात 2018-19 में 371 मिलियन डॉलर से गिरकर 2021-22 में 110 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 70 प्रतिशत गिरावट दर्शाता है। इसके विपरीत, निर्यात 202 मिलियन डॉलर से बढ़कर 326 मिलियन डॉलर हो गया जिससे हमें वास्तविक तौर पर उनके संदेश के प्रभाव का अंदाजा हो सकता है। यह ‘मेक इन इंडिया’ की भावना को जागृत करने का भी अनूठा उदाहरण है।
‘मन की बात’ का एक अन्य खास एवं मह्त्वपूर्ण आयाम यह है कि इसने सरकार की अनेक प्रमुख पहलों को एक बड़ी प्रेरणा दी। उन्हें राष्ट्रव्यापी जनआंदोलनों, सामाजिक अभियानों में बदलने का काम किया। इनमें स्वच्छ भारत’, ‘बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ’ जैसे अनेक अन्य अभियान शामिल हैं। ‘मन की बात’ का संदेश जिस तरह घर-घर पहुंचा, सेल्फी विद डॉटर की जबर्दस्त सफलता उसका एक और शानदार उदाहरण है। घरेलू पर्यटन को भी इस कार्यक्रम से काफी बढ़ावा मिला है। स्वच्छता पर व्यापक सामाजिक जागरूकता, जल संरक्षण का संदेश और पर्यावरण संरक्षण अब एक जन आन्दोलन के रूप में विकसित हो चुका है।
‘मन की बात’ एक ऐसे माध्यम के रूप में हमारे समक्ष आया है जिसे लोगों ने पूरी तरह स्वीकार किया है। ‘मन की बात’ से आज देशवासी देश के चहुंमुखी विकास के लिए काम करने को प्रेरित भी हुए हैं। अब इसे 23 भारतीय और 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित किया जा रहा है। अब तक हुए 100 प्रसारणों में प्रधानमंत्री मोदी ने मौसम, पर्यावरण, स्वच्छता, सामाजिक मुद्दों, स्वदेशी शिल्प, परीक्षाओं, स्वच्छ भारत, फिट इंडिया, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, जल संरक्षण, वोकल फॉर लोकल, आत्मनिर्भर भारत, एक भारत-श्रेष्ठ भारत, (सांस्कृतिक विविधता का उत्सव) और सुगम्य भारत आदि विषयों को कवर और उल्लेखित किया है।
सबसे दिलचस्प यह है कि ‘मन की बात’ के इन तमाम एपिसोड में भारत भर के गुमनाम नायकों, ग्रासरूट स्तर के चैंपियनों और बदलाव के अग्रदूतों के बारे में प्रेरणादायक कहानियां हैं जो देश को बदल रहे हैं और अपने मूक, प्रेरक काम के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन ला रहे हैं। ‘मन की बात’ कार्यक्रम कई सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों को जोड़ता है, जो हमारे राष्ट्र को एक सूत्र में बांधते हैं और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा परिकल्पित अमृतकाल में नए आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर भी पेश करता है। यह कार्यक्रम मासिक राष्ट्रीय परंपरा बन गया है जो लाखों लोगों को भारत की विकास यात्रा में भाग लेने के लिए प्रेरित करता है। सकारात्मकता से भरे ‘मन की बात’ कार्यक्रम का संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भी सीधा प्रसारण यह दर्शाता है कि पीएम मोदी आज दुनिया के राज नेताओं में सबसे विशिष्ट स्थान रखते हैं।