ब्लिट्ज ब्यूरो
वाराणसी। उत्तर प्रदेश में महादेव की नगरी काशी को बड़ी सौगात मिलने वाली है। जी हां, यहां काशी से पटना होते हावड़ा की बुलेट ट्रेन का सर्वे पूरा हो गया है। वाराणसी से हावड़ा वाया पटना हाई स्पीड रेल काॅरिडोर परियोजना जल्द पटरी पर आने वाली है। नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) दिल्ली-हावड़ा बुलेट ट्रेन चलाने पर काम कर रहा है। इसके प्रथम फेज में वाराणसी से हावड़ा काॅरिडोर बनाया जाएगा।
दूसरा फेज दिल्ली-वाराणसी-लखनऊ
दूसरे फेज में दिल्ली से वाराणसी वाया लखनऊ का निर्माण किया जाएगा। पहले फेज के लिए 760 किलोमीटर की हाई-स्पीड रेल परियोजना प्रस्तावित है।
इसमें वाराणसी जिले में चिरईगांव विकास खंड के नरायनपुर, उकथी, सिरिस्ती, अमौली, रैमला, छितौनी, बकैनी, देवरिया, धराधर आदि गांवों में सर्वे पूरा हो गया है। भूमि चिह्नित कर ली गई है।
भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों की सूची जारी
परियोजना में जितने किसानों की जमीन चिह्नित की गई है, उनकी सूची भी जारी कर दी गई है। कई स्थानों पर निशान के पत्थर भी गाड़ दिए गए हैं। अब मुआवजे के संबंध में किसानों से उनका आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज लिए जा रहे हैं।
अंडरपास बनाने के लिए पिलर का स्थान भी तय
कुछ स्थानों पर गांवों को जोड़ने वाली सड़कों पर अंडरपास बनाने के लिए पिलर का स्थान भी तय कर लिया गया है। काॅरिडोर में एलिवेटेड, भूमिगत होने के साथ ग्रेड (समतल भूमि) पर लाइन बिछाई जाएगी। एलिवेटेड हिस्से की ऊंचाई 20 फीट होगी।
760 किलोमीटर में होंगे ये 10 स्टेशन
वाराणसी, बक्सर, आरा, पटना व नवादा, धनबाद, आसनसोल, दुर्गापुर, वर्धमान और हावड़ा। हाई स्पीड रेल से अधिकतम तीन घंटे में वाराणसी से कोलकाता पहुंचना संभव होगा। प्रस्तावित हाई स्पीड रूट पर अधिकतम गति 350 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है।
यह है योजना
इस रेलवे लाइन को एक्सप्रेसवे, नेशनल हाईवे व ग्रीनफील्ड क्षेत्र के साथ चलाने की योजना है। कई शहरों में इसकी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मुख्य सड़क के पास से इसे ले जाया जा सकता है। जहां से रेल कारिडोर गुजरेगा, उस क्षेत्र में समृद्धि के द्वार खुलेंगे। रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।


















