ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत के तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 ने पांच महीने पहले चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड करके इतिहास रच दिया था। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बना था, जिसने अपना यान चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करवाया। अब पांच महीनों के बाद इसरो को एक और गुड न्यूज मिली है। दरअसल, इसरो को चंद्रयान-3 मिशन के लिए प्रतिष्ठित अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। यह जानने के बाद भारतीय जरूर गर्व महसूस करेंगे।
इसरो को चंद्रयान-3 मिशन के लिए आइसलैंड के हुसाविक में स्थित ‘एक्सप्लोरेशन म्यूजियम’ ने ‘2023 लीफ एरिक्सन लूनर प्राइज’ से सम्मानित किया है। रेकजाविक स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के जरिए बताया कि यह पुरस्कार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अंतरिक्ष यान की पहली ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ और चंद्रमा संबंधी खोज को आगे बढ़ाने एवं आकाशीय रहस्यों को समझने में योगदान देने में इसरो को सम्मान प्रदान करता है।
इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने इस पुरस्कार के लिए चुने जाने पर धन्यवाद देते हुए एक वीडियो संदेश भेजा और भारत की अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से राजदूत बी श्याम ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। ‘लीफ एरिक्सन पुरस्कार’ एक्सप्लोरेशन म्यूजियम द्वारा 2015 से दिया जाने वाला एक वार्षिक सम्मान है। इसका नाम खोजकर्ता लीफ एरिक्सन के नाम पर रखा गया है जिन्हें क्रिस्टोफर कोलंबस की यात्रा से 4 शताब्दी पहले अमेरिका पर कदम रखने वाला पहला यूरोपीय माना जाता है।