ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। चैट जीपीटी एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल है। यह दुनियाभर में पॉपुलर हो चुका है और कई कंपनियां ऐसा ही टूल बनाने में जुटी हुई हैं। हाल ही में यह खबर सामने आई कि गूगल से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) के गॉडफादर कहे जाने वाले शख्स जेफ्री हिंटन ने इस्तीफा दे दिया है। आखिर कौन हैं जेफ्री हिंटन और उन्हें क्यों एआई का गॉडफादर कहा जाता है। जेफ्री हिंटन का जन्म 1947 में विम्बलडन में हुआ। वे एक संपन्न परिवार से संबंध रखते थे। उन्होंने 1970 में कैम्बि्रज से एक्सपेरिमेंटल साइकोलॉजी में बीए और 1978 में एडिनबर्ग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पीएचडी की डिग्री हासिल की।
बैकप्रॉपेगेशन की खोज की
इसके बाद उन्होंने अलग-अलग विश्वविद्यालयों में काम किया और अंततः बैकप्रॉपेगेशन की खोज की। ये एक गेम-चेंजिंग टेक्नीक थी जो मशीनों को सीखने और उनके प्रदर्शन में सुधार करने की अनुमति देती थी।
न्यूरल नेटवर्क विकसित किया
इसके बाद 2012 में उन्होंने अपने 2 साथियों के साथ मिलकर न्यूरल नेटवर्क विकसित किया था जो हजारों तस्वीरों का विश्लेषण करने के बाद उन्हें पहचानता था। यहीं से डीएनएन रिसर्च की शुरुआत हुई जिसे बाद में गूगल ने खरीदा।
‘गूगल ब्रेन’ की स्थापना
इसी वर्ष से जेफ्री हिंटन गूगल में काम करने लगे और उन्होंने ‘गूगल ब्रेन’ की स्थापना की जो एआई के डेवलपमेंट पर काम करने वाली एक स्पेशल टीम थी। उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स को लीड किया और अंत में अब गूगल से इस्तीफा दे दिया है। 2012 में जिस टेक्नोलॉजी की खोज जेफ्री हिंटन ने की थी, उसी के आधार पर आज चैट जीपीटी और अन्य एआई टूल विकसित किए गए हैं।
मिल चुके हैं कई अवार्ड
जेफ्री हिंटन को कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है जिसमें 2001 में डेविड ई. रुमेलहार्ट पुरस्कार, फिर 2005 में आईजेसीएआई प्राइज, 2012 में इंजीनियरिंग के लिए किल्म प्राइज, 2016 में आईईईई जेम्स क्लर्क मैक्सवेल गोल्ड मैडल और एनएसईआरसी हर्जबर्ग गोल्ड मेडल शामिल हैं।
जेफ्री हिंटन ने गूगल से इस्तीफा देने के बाद कहा कि एआई की खोज करना उनकी सबसे बड़ी भूल थी। उन्होंने कहा कि वह खुद को ऐसे दिलासा देते हैं कि यदि वह ऐसा नहीं करते तो कोई और करता। आज कंपनियां चैट जीपीटी जैसा टूल बनाने के लिए पागल हो रही हैं और इस क्षेत्र में कम्पीटीशन को रोकना असंभव है। उन्होंने कहा कि एआई टूल की वजह से गलत इनफार्मेशन का चलन तेजी से बढ़ेगा और कोई भी ये नहीं बता पाएगा कि सच क्या है।