संदीप सक्सेना
नई दिल्ली। देश में अक्टूबर में मैन्यूफैक्चरिंग ग्रोथ 10.4 प्रतिशत रही। इसका आईआईपी में तीन-चौथाई से ज्यादा योगदान है।
अक्टूबर में इंडस्टि्रयल ग्रोथ 16 महीने के उच्चतम स्तर 11.7 प्रतिशत पर पहुंच गई है। एक साल पहले यानी अक्टूबर 2022 में ये सिकुड़कर 4.1 प्रतिशत रह गई थी। वहीं सितंबर में औद्योगिक उत्पादन 5.8 प्रतिशत बढ़ा था। मैन्यूफैक्चरिंग, माइनिंग और इलेक्टि्रसिटी सेक्टर के अच्छे परफॉर्मेंस के कारण इंडस्टि्रयल ग्रोथ बढ़ी है। मैन्युफैक्चरिंग का आईआईपी में तीन-चौथाई से ज्यादा योगदान है।
अक्टूबर 2023 में भारत के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का आउटपुट 10.4 प्रतिशत बढ़ गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में ये 5.8 प्रतिशत सिकुड़ा था। माइनिंग सेक्टर के उत्पादन में अक्टूबर में 13.1 प्रतिशत की ग्रोथ देखी गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 2.6 प्रतिशत थी। इलेक्टि्रसिटी सेक्टर में अक्टूबर में 20.4 प्रतिशत की ग्रोथ हुई। पिछले साल इसी महीने में इसमें 1.2 प्रतिशत की ग्रोथ थी।
सितंबर की तुलना में अक्टूबर में सेक्टर वाइज इंडस्टि्रयल ग्रोथ:
मैन्यूफैक्चरिंग: सितंबर के 4.5 फीसदी के मुकाबले अक्टूबर में 10.4फीसदी
माइनिंग: सितंबर के 11.5 प्रतिशत
के मुकाबले अक्टूबर में 13.1 प्रतिशत
इलेक्टि्रसिटी : सितंबर के 9.9 प्रतिशत के मुकाबले अक्टूबर में 20.4 प्रतिशत
प्राइमरी गुड्स: सितंबर के 8 के मुकाबले अक्टूबर में 11.4 प्रतिशत
कैपिटल गुड्स: सितंबर के 8.4 के मुकाबले अक्टूबर में 22.6 फीसदी
इंटरमीडिएट गुड्स: सितंबर के 6.1 फीसदी के मुकाबले अक्टूबर में 9.7 प्रतिशत
इंफ्रास्ट्रक्चर सामान: सितंबर के 8.9 के मुकाबले अक्टूबर में 11.3 फीसदी
कंज्यूमर ड्यूरेबल गुड्स: सितंबर के 1.1 फीसदी के मुकाबले अक्टूबर में 15.9 फीसदी
कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल गुड्स: सितंबर के 3.0 फीसदी के मुकाबले अक्टूबर में 8.6 प्रतिशत।
इंडस्टि्रयल प्रोडक्शन का बढ़ना बेहतर डिमांड का संकेत
नाइट फ्रैंक इंडिया में रिसर्च के नेशनल डायरेक्टर विवेक राठी ने कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग, माइनिंग और इलेक्टि्रसिटी ने पिछले कुछ महीनों में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन को बढ़ाने में सक्षम रहे हैं। कैपिटल गुड्स का भी परफॉर्मेंस अच्छा रहा है। यह बढ़ती आर्थिक गतिविधि और अर्थव्यवस्था में वस्तुओं की निरंतर मांग का संकेत देता है। भारत में वर्तमान आर्थिक गति बहुत मजबूत है।
इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी) क्या है
जैसा कि नाम से ही जाहिर है, उद्योगों के उत्पादन के आंकड़े को औद्योगिक उत्पादन कहते हैं। इसमें तीन बड़े सेक्टर शामिल किए जाते हैं। पहला है- मैन्यूफैक्चरिंग, यानी उद्योगों में जो बनता है, जैसे गाड़ी, कपड़ा, स्टील, सीमेंट जैसी चीजें।
दूसरा है- खनन, जिससे मिलता है कोयला और खनिज। तीसरा है- यूटिलिटिज यानी जन सामान्य के लिए इस्तेमाल होने वाली चीजें। जैसे- सड़कें, बांध और पुल। ये सब मिलकर जितना भी प्रॉडक्शन करते हैं, उसे औद्योगिक उत्पादन कहते हैं।