ब्लिट्ज ब्यूरो
कोच्चि। भारतीय नौसेना के लिए कोचीन शिपयार्ड द्वारा निर्मित 8 एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट्स (एएसडब्ल्यूएसडब्ल्यूसी) की सीरीज में पहले तीन जहाजों को लॉन्च किया गया है। समुद्र में भारत की धमक से अब ‘दोनों खास पड़ोसियों ‘ का चैन उड़न छू होने वाला है। प्रारंभिक निर्माण कार्य पूरा होने के बाद तीनों जहाजों को लॉन्च किया गया। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने कहा, ये जहाज एडवांस पानी के नीचे के हथियारों और सेंसर व 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री से लैस होंगे।
क्या है जहाज की कार्यक्षमता? : इस सीरीज के पहले तीन जहाज, सीएसएल यार्ड संख्या बीवाई 523, बीवाई 524 और बीवाई 525 को भारतीय नौसेना में शामिल होने पर ‘ आईएनएस माहे, आईएनएस मालवन और आईएनएस मैंगरोल नाम दिया जाएगा। प्रत्येक जहाज 78.0 मीटर लंबा, 11.36 मीटर चौड़ा और लगभग 2.7 मीटर का ड्राफ्ट है। बोट का वजन लगभग 896 टन है। इसकी अधिकतम गति 25 समुद्री मील है और संचालन दायरा 1800 समुद्री मील है।
जहाजों को पानी के नीचे निगरानी के लिए स्वदेशी रूप से विकसित, अत्याधुनिक सोनार में फिट करने के लिए डिजाइन किया गया है। तीन जहाजों का एक साथ लॉन्च होना कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। परियोजना का पहला जहाज नवंबर 2024 तक डिलीवरी के लिए तैयार होने की योजना है।
कोचीन शिपयार्ड के लिए बड़ी उपलब्धि : कोविड महामारी के संकट और यूक्रेन में युद्ध के बावजूद जहाजों की समय पर लॉन्चिंग को बड़ी सफलता माना जा रहा है। औपचारिक पूजा करने के बाद, पहला जहाज अंजलि बहल द्वारा लॉन्च किया गया, दूसरा कंगना बेरी द्वारा लॉन्च किया गया, और तीसरा जरीन भगवान सिंह द्वारा लॉन्च किया गया। तीनों जहाजों की लॉन्चिंग भारतीय नौसेना के मुख्य अतिथि वाइस एडमिरल संजय जे सिंह, नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख, वाइस एडमिरल सूरज बेरी, कमांडर-इन-चीफ और वाइस एडमिरल पुनीत बहल, कमांडेंट आईएनए की उपस्थिति में की गई।