गुलशन वर्मा
नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक में भारत की नारी शक्ति पदकों के लिए धमाल मचाने के लिए तैयार है। 47 महिला खिलाड़ी देश के लिए पदक जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली। ओलंपिक खेलों में भारत की ओर से महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ती गई है जो यह दर्शाती है कि अगला समय खेलों में भारत का ही होगा जिसमें महिला खिलाड़ियों की विशेष भूमिका रहेगी। 72 साल पहले (21 जुलाई 1952, हेलसिंकी) खेलों के महाकुंभ में पहली बार चार भारतीय बेटियों ने अलख जगाई थी। हेलसिंकी से शुरू हुए ऐतिहासिक सफर का यह कारवां करीब 12 गुना बढ़ोतरी के साथ फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंच गया है। इस बार 47 बेटियां 12 खेलों में पदक के लिए ताल ठोकेंगी। दो खेलों, भारोत्तोलन और जूडो में तो बेटियों के कंधों पर ही दारोमदार होगा। दुनिया भर के 206 देशों के 10,714 खिलाड़ियों के बीच देश की बेटियां तिरंगा फहराने को बेताब हैं। उम्मीद है कि बेटियां 72वीं सालगिरह पर सुनहरी इबारत लिखेंगी।
महिला विधायक भी भारतीय दल में
पहली विधायक शूटर श्रेयसी सिंह पदक जीते बिना भी इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवा लेंगी। 32 साल की श्रेयसी देश की पहली विधायक होंगी जो खेलों के महाकुंभ में निशाना साधेंगी। जमुई से विधायक श्रेयसी ओलंपिक में खेलने वाली बिहार की पहली खिलाड़ी भी बनेंगी।
नीलिमा ने रचा था इतिहास
17 साल की नीलिमा घोष के हेलसिंकी ओलंपिक की 100 मीटर दौड़ की पहली हीट के लिए मैदान पर उतरने के साथ ही बेटियों ने इतिहास में नाम दर्ज करवा लिया था। नीलिमा पांच खिलाड़ियों में 13.6 सेकंड का समय निकालकर पांचवें स्थान पर रहीं।
इसके साथ ही वह पहली भारतीय महिला ओलंपियन बन गईं। इसके कुछ देर बाद मैरी डिसूजा भी 100 मीटर हीट में 13.1 सेकंड के साथ पांचवें नंबर पर रहीं। नीलिमा 80 मीटर बाधा दौड़ तो डिसूजा 200 मीटर में पहले दौर में बाहर हो गईं। तैराक डॉली नाजीर और 11 साल की आरती शाह भी पहले दौर से आगे नहीं बढ़ पाईं।
32 साल बाद पहला सेमीफाइनल फाइनल
शाइनी विल्सन (800 मीटर दौड़, 1984 लॉस एंजिलिस) बेटियों के ओलंपिक में भाग लेने के 32 साल बाद किसी स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। इन्हीं खेलों में उड़न परी पीटी ऊषा ने एक और कदम आगे फाइनल में जाकर पदक की उम्मीद जगा दी थी। उन्होंने 400 मीटर बाधा दौड़ में 55.42 सेकंड के समय के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया पर कुछ सेकंड से पदक से चूक गई। वहीं 2004 ओलंपिक में लांग जंपर अंजू बॉबी जार्ज 5वें स्थान पर रहीं। उन्होंने 6.83 मीटर की कूद लगाई जो आज तक राष्ट्रीय रिकॉर्ड है। रियो 2016 में जिम्नास्ट दीपा करमाकर भी चौथे स्थान पर रहकर पदक से चूक गईं।
48 साल बाद पहला पदक
वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी (69 किग्रा, सिडनी 2000) 48 साल बाद ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनी थीं। उन्होंने कांस्य पदक जीता था। मैरीकॉम (2012, लंदन, कांस्य) पदक जीतने वाली पहली और एकमात्र सुपर मॉम हैं।
64 साल बाद रजत
शटलर पीवी सिंधु (रियो 2016) ओलंपिक में रजत जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उनकी उम्र तब 21 साल की थी और वह ओलंपिक पदक जीतने वाली देश की सबसे युवा भारतीय महिला भी हैं। उन्होंने टोक्यो में कांसा जीता था। वह दो पदक जीतने वाली अकेली महिला जबकि सुशील के बाद सिर्फ दूसरी भारतीय हैं। साइना (लंदन, 2012, कांसा) में पदक जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं थी। यह एकमात्र खेल है जिसमें दो महिलाओं ने पदक जीते हैं। कुश्ती में साक्षी और मुक्के बाजी में मैरीकॉम अपने-अपने खेल में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं।
महिला ध्वजवाहक शाइनी से सिंधु तक
शाइनी विल्सन 1992 में बार्सिलोना में खेलों के महाकुंभ के उद्घाटन समारोह में ध्वजवाहक बनने वाली पहली भारतीय महिला बनीं थी। उनके अलावा अंजू बॉबी जॉर्ज (2004, एथेंस) और एमएस मैरीकाम (2020) ही यह उपलब्धि हासिल कर पाई हैं। इस बार शटलर सिंधु को यह गौरव मिला है। यह यह सम्मान पाने वाली चौथी महिला होंगी।
आठ पदक अब तक
भारतीय महिलाओं ने अब तक दो रजत समेत कुल आठ ओलंपिक मेडल जीते हैं। टोक्यो तक 255 महिला खिलाड़ी ओलंपिक में खेल चुकी हैं।
टोक्यो और रियो में सर्वाधिक भागीदारी
टोक्यो और रियो में भारतीय दल में महिला खिलाडियों की सर्वाधिक भागीदारी रही थी। दोनों बार 54-54 खिलाड़ी खेली थीं।
60 शुरुआती वर्षों और 16 ओलंपिक (1952 से 2012) में जहां 147 बेटियां खेलीं, वहीं अगले नौ साल और दो ओलंपिक (2016, 2021) में रिकॉर्ड 108 ने यह गौरव हासिल कर लिया।
जब बेटियों ने रखी लाज
रियो ओलंपिक 2016 में देश के सबसे बड़े 117 सदस्यीय दल ने भाग लिया था। कई स्टार खिलाड़ियों, खासकर पुरुषों से पदक की उम्मीद थी पर कोई भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। तब पहलवान साक्षी ने कांस्य और सिंधु ने रजत जीतकर लाज बचाई थी।
कब कितनी भारतीय महिलाओं ने शिरकत की
1952- 04
1980- 18
1984- 06
1988- 07
1992- 06
1996- 09
2000- 21
2004- 25
2008- 25
2012- 23
2016- 54
2021- 54
2024- 47
किस राज्य के कितने खिलाड़ी
राज्य खिलाड़ी पेरिस ओलंपिकसंख्या
हरियाणा 24
पंजाब 19
तमिलनाडु 13
कर्नाटक 7
उत्तर प्रदेश 7
केरल 6
महाराष्ट्र 5
उत्तराखंड 4
दिल्ली 4
आंध्र प्रदेश 4
तेलंगाना 4
पश्चिम बंगाल 3
चंडीगढ़ 2
गुजरात 2
ओडिशा 2
राजस्थान 2
मणिपुर 2
मध्य प्रदेश 2
असम 1
बिहार 1
गोवा 1
झारखंड 1
सिक्किम 1



















