ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत डिजिटल क्रांति के अगले पायदान की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अक्टूबर को भारत के ‘6जी विजन डॉक्यूमेंट’ को जारी करते हुए कहा कि सबसे तेज 5जी मोबाइल टेलीफोन नेटवर्क शुरू करने के बाद भारत छह माह के भीतर ही 6जी के क्षेत्र में खुद को अग्रणी के रूप में स्थापित करने की तरफ अग्रसर है। हमें विश्वास है कि भारत 6जी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया को लीड करेगा।
विजन डॉक्यूमेंट के अनुसार 5जी टेक्नोलॉजी से 10,000 एमबीपीएस की अधिकतम गति की क्षमता के साथ 40-1100 एमबीपीएस की स्पीड मिलती है। वहीं 6जी से हर सेकंड 1 टेराबिट तक की स्पीड के साथ अल्ट्रा-लो लेटेंसी मिलेगी। गौर करने बात यह है कि ये 5जी की टॉप स्पीड से 1,000 गुना ज्यादा है।
ब्रॉडबैंड स्पीड के मामले में भारत 43वें स्थान पर
मोबाइल ब्रॉडबैंड स्पीड के मामले में भारत 118वें स्थान से 43वें स्थान पर पहुंच चुका है। पीएम बोले, हमने विजन डॉक्यूमेंट सामने रख दिया है। अब ये कुछ सालों में 6जी की तरफ बढ़ने का आधार बनेगा। भारत में 5जी रोलआउट भी दुनिया में सबसे तेज हुआ है। 120 दिनों में ही ये 125 से अधिक शहरों में पहुंच चुका है। लगभग 350 जिलों में 5जी की सर्विस पहुंच चुकी है। दिल्ली के भारत मंडपम में हुए तीन दिवसीय इंडिया मोबाइल कांग्रेस के 7वें संस्करण में प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में तेजी से बदलती दुनिया के समय में आयोजित यह कार्यक्रम करोड़ों लोगों का भविष्य बदलने की क्षमता रखता है। एक समय था जब हम भविष्य की बात करते थे तो उसका अर्थ अगला दशक, 20-30 साल का समय या फिर अगली शताब्दी होता था। आज हर दिन टेक्नोलॉजी में तेजी से होते परिवर्तन के कारण हम कहते हैं कि भविष्य यहीं और अभी है।
टेलीकॉम हो, टेक्नोलॉजी हो, कनेक्टिविटी हो, 6जी हो, एआई हो, साइबर सिक्योरिटी हो, सेमीकंडक्टर हो, ड्रोन या स्पेस सेक्टर हो या फिर दूसरे सेक्टर्स, आने वाला समय बिल्कुल ही अलग होने जा रहा है क्योंकि प्रौद्योगिकी वह उत्प्रेरक है जो विकासशील देश से विकसित देश बनने की गति को तेज करता है। ये हम सभी के लिए खुशी की बात है कि हमारी युवा पीढ़ी देश के भविष्य का नेतृत्व कर रही है, हमारी टेक रेवोल्यूशन को लीड कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष हम यहां 5जी रोलआउट के लिए एकत्र हुए थे।
6जी विजन डॉक्यूमेंट किया जारी
उस ऐतिहासिक कार्यक्रम के बाद पूरी दुनिया भारत को हैरत भरी नजरों से देख रही थी। आखिर भारत में दुनिया का सबसे तेज 5जी रोलआउट हुआ था। हम उस सफलता के बाद भी रुके नहीं। हमने 5जी को भारत के हर नागरिक तक पहुंचाने का काम शुरू किया। यानी हम रोलआउट स्तर से रीच आउट स्तर तक पहुंचे। भारत नेट प्रोजेक्ट ने अब तक करीब 2 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ा है।
इंटरनेट कनेक्शन अब 85 करोड़ से ज्यादा
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में भारत टेलीकॉम टेक्नोलॉजी का बड़ा एक्सपोर्टर बन रहा है। 5जी से दुनिया का वर्क कल्चर बदलने के लिए भारत कई देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है। पीएम ने कहा, ‘ये ˈडेकेड (दशक) भारत का टेक-एड है। भारत का टेलीकॉम और डिजिटल मॉडल स्मूथ है, सिक्योर है, ट्रांसपैरेंट है, ट्रस्टेड और टेस्टेड है।’
2 लाख करोड़ रुपये का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात
मोदी की सरकार के सत्ता में आने के बाद से एक बड़ा बदलाव यह आया है कि हम पहले मोबाइल फोन के आयातक थे, अब हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल फोन निर्माता व निर्यातक हैं। आज हम करीब 2 लाख करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात कर रहे हैं।’ हाल ही में गूगल ने घोषणा की कि वह भारत में अपने पिक्सल फोन बनाएगी। सैमसंग पहले ही भारत में फोल्ड-5 और एपल आईफोन-15 का विनिर्माण कर रही है।
आज सभी को गर्व है कि पूरी दुनिया ‘मेड इन इंडिया’ मोबाइल फोन का उपयोग कर रही है। कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने देश भर के शैक्षणिक संस्थानों को 100 ‘5जी यूज केस लैब’ से भी सम्मानित किया।
72 देशों में दूरसंचार उपकरणों का निर्यात करता है भारत
केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देश में 5जी की शुरुआत के दौरान इस्तेमाल होने वाले 80 प्रतिशत दूरसंचार उपकरणों का निर्माण स्थानीय स्तर पर किया गया और देश फिलहाल ऐसे उत्पादों का निर्यात 72 देशों को करता है।
भारत में 2028 से 2030 तक लॉन्च हो सकता है 6जी
चीन 2029 तक 6जी लॉन्च करने की तैयारी में है। जापान में भी 6जी को लॉन्च करने के लिए साल 2030 का टारगेट रखा गया है।
अमेरिका का लक्ष्य है वो साल 2029 या 2030 तक 6जी लोगों को मुहैया करा सके। माना जा रहा है कि साउथ कोरिया 2026 तक सबसे पहले 6जी लॉन्च कर देगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत में 6जी को 2028 से 2030 के बीच लॉन्च किया जा सकता है। 2014 से पहले इंटरनेट कनेक्शन 25 करोड़ के आस-पास थे, जो कि अब 85 करोड़ से ज्यादा हो गए हैं और यूजर्स की संख्या 6 करोड़ से बढ़कर 80 करोड़ हो गई है। गांवों में इंटरनेट यूजर्स की संख्या शहरों के इंटरनेट यूजर्स से ज्यादा है। पिछले कुछ सालों में लगभग 25 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क भी बिछाया गया है।
केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, पीएम मोदी का दूरसंचार क्षेत्र पर स्पष्ट ध्यान है क्योंकि यह डिजिटल इंडिया का प्रवेश द्वार है। उन्होंने कहा, पिछले साल 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के मोबाइल फोन निर्यात किये गए। पिछले दस वर्षों में, पीएम मोदी ने दूरसंचार क्षेत्र को बदल दिया है।
रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के अध्यक्ष आकाश अंबानी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पीएम मोदी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को समावेशी, नवोन्वेषी और टिकाऊ बनाने में देश के लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं।
भारती एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने डिजिटल इंडिया के रूप में प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए दृष्टिकोण को याद किया, जिसके कारण डिजिटल बुनियादी ढांचे का तीव्र गति से विकास हुआ।
आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने उल्लेख किया कि भारत प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में 6जी जैसे क्षेत्रों में भविष्य की प्रौद्योगिकियों के मानकों के विकास में सक्रिय रूप से संलग्न है।