आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत 2026 तक 40 हजार करोड़ रुपये मूल्य के रक्षा साजो-सामान के निर्यात का लक्ष्य हासिल कर लेगा। पिछले कुछ वर्षों में रक्षा निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पिछले सात से आठ वर्षों में यह नौ सौ करोड़ रुपये से बढ़कर 14 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। रक्षा मंत्री ने यह बात यहां ‘राइजिंग इंडिया’ सम्मेलन में कही।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार के निर्भीक दृष्टिकोण और अटूट संकल्प से सीमाएं सुरक्षित हुई हैं और युद्ध के लिए सशस्त्र बल तैयार हो सके हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं। हर क्षेत्र में देश की प्रगति का उल्लेख करते हुए श्री सिंह ने कहा कि वैश्विक मंच पर भारत का रुतबा बढ़ रहा है और कभी बेहद कमजोर रहा भारतीय अर्थतंत्र आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का रूप ले चुका है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद प्रभावशाली नेतृत्व के कारण हासिल हुई। रक्षा मंत्री ने उभरते भारत की कड़ी में देश की कूटनीति का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जी-20 और शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता प्राप्त होना भारत के बढ़ते रुतबे का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद से निपटने जैसे मुद्दों पर विश्व का नेतृत्व किया है और इस समस्या को खत्म करने में सहयोग देने में सफल रहा है। रक्षा मंत्री ने कहा कि जो देश आतंकवाद का हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं वे ये भली-भांति जानते हैं कि भारत बिना कारण किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता और न ही अपनी एकता, अखण्डता और सम्प्रभुता को नुकसान पहुंचाने वाले को माफ करता है। सर्जिकल स्ट्राइकों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इसने आतंकवादियों की रीढ़ तोड़ दी है और विश्व को कड़ा संदेश दिया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि चाहे चीन के साथ गतिरोध हो या पाकिस्तान के नापाक इरादे हों, भारत की सेना ने उन्हें हमेशा मुंहतोड़ जवाब दिया है।