विनोद शील
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि भारत आज एक बड़ी छलांग (लीप) लेने के लिए तैयार है। देश आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और विकसित भारत के निर्माण में सभी को बराबर की भागीदारी करनी है। अगर आज दुनिया यह महसूस करती है कि भारत एक बड़ी लीप लेने के लिए तैयार है तो उसके पीछे 10 साल का एक शक्तिशाली लॉन्च पैड है जो उनकी सरकार ने सभी के सहयोग से तैयार किया है।
आज 21वीं सदी के भारत ने छोटा सोचना छोड़ दिया है। आज हम जिस मानसिकता के साथ काम करते हैं, वह यह है कि ‘हम जो काम करते हैं, वह सबसे अच्छा और सबसे बड़ा होता है।’ ऐसा इसलिए हो सका है क्योंकि पिछले 10 वर्षों में हमने बेहतर काम करने की मानसिकता, आत्मविश्वास और सुशासन लाने के कारक खड़े करने के प्रयास किए। भारत के लोगों का सरकार और व्यवस्था पर भरोसा तेजी से बढ़ रहा है। उनका मानना है कि आज की तारीख में सरकारी कार्यालय एक समस्या नहीं बल्कि देशवासियों के सहयोगी बन रहे हैं।
उनकी सरकार ने गांवों को ध्यान में रखकर अपने बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है। ग्रामीण आबादी और महिलाओं की भागीदारी, कपड़ा क्षेत्रों में रोजगार की संभावना पर दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत मंडपम में आयोजित ‘भारत टेक्स 2024’ में उन्होंने कहा कि परिधान निर्माताओं में हर दस में से सात तो महिलाएं हैं। हथकरघा में तो यह संख्या और भी अधिक है।
– हमारा लक्ष्य 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना
– हमने वर्षों से रुकी परियोजनाओं को किया पूरा
प्रधानमंत्री ने भारत की नियति में नागरिकों की केंद्रीयता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आज भारत की मानसिकता बदली है और मानसिकता में बदलाव के कारण ही भारत ने बड़ी छलांग लगाई है जो अविश्वसनीय है। दुनिया को अब भारत की उपलब्धियों पर आश्चर्य नहीं होता क्योंकि यह अब एक नई सामान्य सी बात बन गई है। दुनिया को भारत के साथ चलने के फायदे का एहसास हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी एक टीवी कार्यक्रम की ओर से आयोजित शिखर सम्मेलन में इस प्रकार के विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत के प्रति बढ़ता विश्वास ही भारत के लिए सबसे बड़ी पहचान बन चुका है।
हमारा लक्ष्य है कि हम एक ऐसे समाज का निर्माण करें जहां सरकार का हस्तक्षेप कम से कम हो और वह लोगों की समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में ही कार्य करे। विशेष रूप से मध्यम वर्ग के जीवन में हस्तक्षेप को वह पसंद नहीं करते हैं। उन्होंने अपनी सरकार के पिछले 10 वर्षों के कामों का जिक्र करते हुए कहा कि गत 10 वर्षों से वह न्यूनतम सरकारी हस्तक्षेप वाले समाज के निर्माण के लिए लड़ रहे हैं और अगले 5 वर्षों में भी ऐसा करना जारी रखेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दशक की कल्याणकारी योजनाओं से अनेक क्षेत्रों को फायदा पहुंचा है। आज विभिन्न क्षेत्रों में भारत की बढ़ती प्रोफाइल के बारे में भी चर्चा होती है और देश तेजी से एक मजबूत अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का है और इस काम में कपड़ा उद्योग क्षेत्र भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जब भारत अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा। मोदी बोले कि हमने अगले 25 वर्षों में भारत को विकसित राष्ट्र में बदलने का संकल्प लिया है। विकसित भारत के चार महत्वपूर्ण स्तंभ गरीब, युवा, किसान और महिलाएं हैं और विशेष रूप से भारत का कपड़ा क्षेत्र इन सभी स्तंभों से जुड़ा हुआ है। ऐसे में ‘भारत टेक्स’ जैसे आयोजन सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस छलांग के लिए गियर बदलने की जरूरत थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश में सरयू नहर परियोजना, सरदार सरोवर योजना और महाराष्ट्र की कृष्णा कोएना परियोजना का उदाहरण दिया जो दशकों से लंबित थीं और उनकी सरकार द्वारा पूरी की गई हैं।
प्रधानमंत्री ने अटल सुरंग की ओर ध्यान आकर्षित किया जिसकी आधारशिला 2002 में रखी गई थी लेकिन 2014 तक भी पूरी नहीं हुई थी और यह वर्तमान सरकार ही थी जिसने 2020 में इसके उद्घाटन के साथ काम पूरा किया। उन्होंने असम में बोगीबील ब्रिज का उदाहरण भी दिया जिस पर काम 1998 में शुरू किया गया था जो आखिरकार 20 साल बाद 2018 में पूरा हुआ। इसी प्रकार ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर काम 2008 में शुरू हुआ लेकिन यह 15 साल बाद 2023 में पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि 2014 में वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद ऐसी सैकड़ों लंबित परियोजनाओं को पूरा किया गया।
प्रधानमंत्री ने प्रगति के तहत बड़ी परियोजनाओं की नियमित निगरानी के प्रभाव के बारे में भी जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में इस व्यवस्था के तहत 17 लाख करोड़ रुपये लागत की परियोजनाओं की समीक्षा की गई है। प्रधानमंत्री ने कुछ परियोजनाओं का उदाहरण दिया जो बहुत जल्दी पूरी हो गईं जिनमें अटल सेतु, संसद भवन, जम्मू एम्स, राजकोट एम्स, आईआईएम संबलपुर, त्रिची हवाई अड्डे का नया टर्मिनल, आईआईटी भिलाई, गोवा हवाई अड्डा, लक्षद्वीप तक समुद्र के नीचे केबल, वाराणसी में बनास डेयरी, द्वारका सुदर्शन सेतु शामिल हैं।
इन सभी परियोजनाओं के शिलान्यास और इन्हें राष्ट्र को समर्पित करने का शुभ अवसर मुझे मिला। उन्होंने कहा कि जब करदाताओं के पैसे के प्रति इच्छाशक्ति और सम्मान होता है, तभी देश आगे बढ़ता है और एक बड़ी छलांग के लिए तैयार होता है।