देहरादून। यूपी में भाजपा के खिलाफ जिस तरह की गर्म हवाएं बहती दिखीं, वह उत्तराखंड की सीमाओं तक आते-आते ठंडी पड़ गई और पहाड़ से नहीं टकराईं। यूपी से सटी राज्य की दो लोकसभा सीट हरिद्वार और नैनीताल ऊधमसिंह नगर तीसरी बार भाजपा के खाते में ही गई हैं।
गढ़वाल मंडल जिसकी सीमाएं मुजफ्फनगर, सहारनपुर और नगीना से जुड़ती हैं और कुमाऊं मंडल जो मुरादाबाद और बरेली से जुड़ा है, वहां तमाम धार्मिक और जातीय रणनीति और कोशिशों के बाद भी भाजपा उम्मीदवार बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब हुए। उत्तराखंड के मतदाता चार लोकसभा चुनाव से परिपक्वता के साथ ऐसी ही एकजुटता दिखाते रहे हैं। 2009 में कांग्रेस को पांच सीट जिताने के बाद से लगातार तीसरी बार भाजपा को पांच सांसद दिए हैं। उत्तराखंड के मतदाताओं ने कहीं न कहीं राज्य सरकार के कामकाज को भी आधार बनाया है। पांचों सीटों पर नतीजे आने के बाद भाजपा का पौड़ी और हरिद्वार सीट पर उम्मीदवार बदलने का फैसला रणनीतिक तौर पर सफल रहा।



















