ब्लिट्ज ब्यूरो
न्यूयॉर्क। मोटापा एक जटिल स्थिति है जो विभिन्न कारकों से प्रभावित होती है, जिसमें आनुवंशिक कारक भी शामिल हैं। एक हालिया अध्ययन में एक विशिष्ट जीन उत्परिवर्तन एसएमआईएम 1 की पहचान की गई है, जो मोटापे के लिए जिम्मेदार हो सकती है।
अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. मैटिया फ्रोटिनी ने बताया, शोधकर्ताओं ने यूके बायोबैंक के डाटा का विश्लेषण किया और एसएमआईएम 1 जीन की दोषपूर्ण प्रतियों वाले व्यक्तियों की तुलना उन लोगों से की जिनमें उत्परिवर्तन नहीं था।
महिलाओं का वजन अधिक
उन्होंने पाया कि उत्परिवर्तन वाली महिलाओं का वजन सामान्य महिलाओं की तुलना में औसतन 4.6 किलोग्राम अधिक था। वहीं, उत्परिवर्तन वाले पुरुषों का वजन औसतन 2.4 किलोग्राम अधिक था। शोध के मुताबिक, एसएमआईएम 1 जीन थायरॉयड के कार्य को बाधित करता है और ऊर्जा व्यय को कम करता है।
उत्परिवर्तन वाले व्यक्ति कम ऊर्जा जलाते हैं
इसका मतलब यह है कि समान भोजन सेवन के साथ उत्परिवर्तन वाले व्यक्ति कम ऊर्जा जलाते हैं, जिससे अतिरिक्त वसा जमा हो जाती है। एसएमआईएम 1 काफी दुर्लभ है, जो पांच हजार में एक व्यक्ति को प्रभावित करता है। जांच की जा रही है कि इस उत्परिवर्तन वाले लोगों पर थायरॉयड की दवा काम कर सकती है या नहीं।
वजन पर नियंत्रण रखना सभी लोगों के हाथ में नहीं
शोधकर्ताओं का कहना है, वजन केवल इच्छाशक्ति या आलस का मामला नहीं। लोगों के शरीर का आकार कई कारकों द्वारा निर्धारित होता। इसमें से कुछ पर आपका नियंत्रण होता है और अन्य पर नहीं। भोजन पर नियंत्रण से मोटापा कम कर सकते हैं पर आनुवांशिक कारक में यह संभव नहीं है। इसके उपचारों पर शोध अभी जारी है।

















