ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। वेस्ट यूपी में वैसे तो बहुत सारे ऐसे स्थान हैं जो किसी खास वजह से महत्ता रखते हैं जिस कारण वहां लोग अपने आप खिंचे चले आते हैं। ऐसे ही कुछ अलग और छोटे हरिद्वार के नाम से विख्यात संगम स्थल के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिसकी प्रसिद्धि दूर-दूर तक है और श्रद्धालु यहां पर स्नान करने आते हैं।
हम बात कर रहे हैं दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे से जलालाबाद के समीप शामली और सहारनपुर की सीमा पर स्थित गंदेवड़ा संगम स्थल की। यह तेजी से पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होता जा रहा है। यहां पर स्नान घाटों के निर्माण के साथ ही सौंदर्यकरण का कार्य निरन्तर चल रहा है।
गंगा और यमुना नदियों का संगम स्थल
डेढ़ दशक पहले तक ऐसा नहीं था। 2004 के बाद तत्कालीन कैबिनेट मंत्री अनुराधा चौधरी ने बड़ी सिंचाई योजना के अंतर्गत गंगनहर की सौगात दी थी। गंदेवड़ा में गंगनहर आने से यह यमुना से जुड़ी। तब से यह गंदेवड़ा संगम स्थल बन गया। आसपास के लोग यहां स्नान करने लगे, लेकिन संगम के विकास एवं विस्तार ने वर्ष 2017 के बाद गति पकड़ी। पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा के प्रयास से गंदेवड़ा संगम स्थल के विकास के लिए दो करोड़ 34 लाख की परियोजना बनाई गई थी।
पांच लाख की लागत से हुआ था घाट का निर्माण
2018-19 में पांच लाख रुपये की लागत से घाट का निर्माण हुआ था। वित्तीय वर्ष 2020 में 177.03 लाख के बजट का प्रस्ताव किया गया। इसके बाद घाटों का निर्माण, सुलभ शौचालय, सोलर लाइटें व महिलाओं के लिए अलग से स्नानागार बनाए गए। अब यहां गेस्ट हाउस बनाने की योजना भी चल रही है।
चार करोड़ की लागत से बनाया जा रहा नया पुल
गंदेवड़ा संगम पर आवागमन बढ़ते जाने के कारण पूर्व में बना पुराना पुल संकरा है। इसलिए यातायात को सुचारू रखने के लिए गंदेवड़ा संगम पर नए पुल के निर्माण को चार करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। इसका निर्माण भी प्रारंभ हो गया है। पुल का निर्माण पूरा होने से यातयात व्यवस्था में सुधार होगा।
संगम घाट पर गंगा मंदिर बनाने की मांग
व्यापारी नेता उपेंद्र गुप्ता का कहना है कि संगम के प्रति लोगों की आस्था तेजी से बढ़ी है। यहां आसपास के ही नहीं बल्कि आसपास जनपदों के लोग भी स्नान करने आते हैं। आस्था को ध्यान में रखते हुए यहां के लोगों की मांग है कि घाट के समीप गंगा मैया का मंदिर बनना चाहिए।
अल्प समय में ही लोगों की आस्था का केंद्र बना
कथा वाचक अवनीश आहुजा कहते हैं कि इस क्षेत्र के लोगों का सौभाग्य है कि गंगा मैया एवं यमुना की पवित्र जलधारा यहां से एक साथ गुजर रही है और गन्देवड़ा स्थल पर दोनों का मिलन सनातनी लोगों के लिए असाधारण पुण्य प्राप्त करने का स्थल है। समाजसेवी सुनहरा सिंह का कहना है कि हमारा क्षेत्र गंगा यमुना के संगम का साक्षी बना है। यहां हजारों-लाखों लोग स्नान करने आते हैं।