ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अक्सर अपनी सभाओं में लोगों से कहते हैं कि वह जल्द ही सड़कों पर कारों को ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल से दौड़ाएंगे। वह भारत में ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग बढ़ाने की योजना पर हमेशा जोर देते हैं। ऐसे में लोगों के लिए उनकी एक ही सलाह है। वह कहते हैं कि डायमंड की जगह कचरे का काम करो।
यह बात उन्होंने मुंबई में भारतीय जनता पार्टी के विशेष संपर्क अभियान के दौरान कही। साथ ही उन्होंने यह भी कहा, भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद, आज देश की परिस्थिति ऐसी है कि कम्युनिस्ट विचारधारा, कम्युनिस्ट पार्टी समाप्ति की ओर है या समाप्त हो गई है, रूस में भी कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने विचारों को बदल दिया है।
कैसे बनी लिबरल पॉलिसी
नितिन गडकरी ने कहा कि जब वह महाराष्ट्र में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे, उस दौरान टेलीविजन खरीदने के लिए एक दुकान में गए। गडकरी ने दुकानदार से कहा कि उन्हें इंस्टॉलमेंट में टीवी चाहिए। दुकानदार को जब पता लगा कि वो मंत्री हैं तो उसने कहा कि यह अच्छा पीस नहीं है, जब अच्छा पीस आएगा तो मैं लगवा दूंगा। वह दिन कभी नहीं आया। दुकानदार को लगा कि मंत्री को इंस्टॉलमेंट देने के बाद पता नहीं पैसा आएगा कि नहीं।
आइडिया आया
टीवी तो नहीं आया, लेकिन मेरे दिमाग में एक आइडिया जरूर आया कि जब टीवी, फ्लैट और फ्रिज इंस्टॉलमेंट पर आ सकता है तो रोड, ब्रिज, टनल क्यों नहीं? फिर उसी पर लिबरल पॉलिसी बनी। बीजेपी सरकार ने इस लिबरल इकोनॉमिक को स्वीकार किया।
मंत्री की सलाह
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आगे कहा कि मथुरा में एक प्रोजेक्ट को सफल किया गया। मथुरा के गंदे पानी को रिसाइकल करके इस्तेमाल किया जा रहा है। यह लिक्विड बेस्ड मैनेजमेंट प्रोजेक्ट में सफल रहा।
डायमंड कुछ नहीं
डायमंड कुछ नहीं, कचरा काफी महत्वपूर्ण है। कचरे को सैगरीगेट करोगे तो उसमें प्लास्टिक होगा, ग्लास होगा, अल्युमिनियम होगा और वे सभी रीसाइकल होंगे। कचरे से जो हाइड्रोजन तैयार होगा, उससे सभी वाहन चलेंगे।