ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने नई महिला नीति की घोषणा की है। सरकार ने राज्य की महिलाओं को नई ऊर्जा, नई आशा, नई ताकत देने की कोशिश की है।
महाराष्ट्र में 1994, 2001 और 2014 में महिला नीति की घोषणा की गई थी, जिसके बाद यह चौथी नीति लागू की गई।
इस नीति के अंतर्गत आठ क्षेत्रों पर ध्यान देने के साथ-साथ महिलाओं के व्यापक और सर्व-समावेशी विकास का लक्ष्य रखा गया है। नीति में ये आठ क्षेत्र स्वास्थ्य, पोषण एवं कल्याण, शिक्षा एवं कौशल विकास, यौन एवं लैंगिक हिंसा को समाप्त करना, महिलाओं की आजीविका में वृद्धि, महिलाओं के लिए बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाना, महिलाओं की शासन एवं राजनीतिक भागीदारी, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन एवं आपदा प्रबंधन के साथ-साथ एक विशेष खेल नीति शामिल है।
दुर्गम क्षेत्रों में मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए जाएंगे
राज्य की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अदिति तटकरे ने नीति की घोषणा करते हुए कहा कि शहरी, ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्रों में दूर-दराज के और दुर्गम क्षेत्रों में मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए जाएंगे। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) स्तर से लेकर राज्य के सभी सरकारी स्वास्थ्य अस्पतालों में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस), एंडोक्राइन, कैंसर, मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई), टीबी के साथ-साथ रजोनिवृत्ति संबंधी समस्याओं के लिए बेहतर नैदानिक सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
महिला शक्ति के लिए विशेष उपहार
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि राज्य की चौथी महिला नीति एक विशेष उपहार है और इसे हमेशा याद रखा जाएगा। राज्य की चौथी महिला नीति से महिलाओं को सभी क्षेत्रों में समान अवसर , शासन-प्रशासन में उचित स्थान, बजट में उचित प्रावधान, रोजगार-स्वरोजगार में समान अवसर, पारिवारिक हिंसा से सुरक्षा, उद्यमशील महिलाओं के लिए मार्गदर्शन और बाजार, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं और धन में समान हिस्सेदारी मिलेगी।
दफ्तरों में खोलने होंगे शिशु देखभाल केन्द्र
जिन प्रतिष्ठानों में महिलाओं की संख्या अधिक है उनमें तथा विशेष औद्योगिक क्षेत्रों, वाणिज्य क्षेत्रों में बच्चे के देखभाल केंद्र शुरू करने जैसी सुविधाओं का प्रावधान नीति का हिस्सा है।
स्कूलों में लड़कियों का 100 प्रतिशत नामांकन होगा
ग्रामीण, शहरी और आदिवासी क्षेत्रों के दूरदराज और कम पहुंच वाले इलाकों में माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक स्तर के स्कूलों में लड़कियों का नामांकन 100 प्रतिशत होगा।
कौशल विकास कार्यक्रम
कौशल विकास कार्यक्रमों को तैयार करने के लिए प्रत्येक क्षेत्र की जरूरतों और उनकी क्षमताओं को देखते हुए राज्य को औद्योगिक क्षेत्रों में वर्गीकृत किया जाएगा। इस तरह के वर्गीकरण में महिलाओं के साक्षरता स्तर और प्रवासन के तौर-तरीके जैसे कारकों को ध्यान में रखा जाएगा।
पुलिस स्टेशनों में भरोसा सेल की स्थापना
यौन और लैंगिक हिंसा को समाप्त करने के लिए कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम में निर्धारित नीति के अनुसार एक आंतरिक समिति का गठन करना होगा जबकि सभी पुलिस मुख्यालयों में भरोसा सेल की स्थापना की जाएगी।
सरकारी दस्तावेजों पर मां का नाम लिखना अनिवार्य
अब से सरकारी दस्तावेजों पर मां का नाम लिखना अनिवार्य होगा। यह प्रस्तावित है कि अर्ध-सरकारी के साथ-साथ निजी कंपनियां भी मातृत्व और पितृत्व अवकाश प्रदान करें। नीति सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों में गर्भवती महिलाओं के लिए घर से काम को प्रोत्साहित करने की सिफारिश करती है।
महिलाओं के लिए कृषि मशीनें बनाने पर प्रोत्साहन
महिलाएं विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में खेती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं लेकिन उपयोग में आसान मशीनों तक पहुंच नहीं होने के कारण उन्हें अक्सर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उद्योगों को महिलाओं के लिए अनुकूल कृषि मशीनें बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जो लैंगिक समावेशी कृषि विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
तीन स्तरीय समिति करेगी काम
इस नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति काम करेगी, उसके बाद महिला एवं बाल विकास मंत्री की अध्यक्षता में एक अलग समिति और जिले के संरक्षक मंत्री की अध्यक्षता में एक समिति होगी। इन समितियों के संपर्क, संवाद और समन्वय से राज्य में महिला नीति का कार्यान्वयन प्रभावी होगा और महिला सशक्तिकरण को गति मिलेगी।