संजय द्विवेदी
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे का शिलान्यास किया। इसके साथ उन्होंने बनारस में 1800 करोड़ के 28 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इसमें सिगरा का अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम भी शामिल है।
इस दौरान पीएम ने कहा, बनारस के जाम से डरने वालों के लिए रोप-वे अच्छी चीज है। रोप-वे बनने के बाद बनारस कैंट रेलवे स्टेशन और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बीच की दूरी बस कुछ मिनट की रह जाएगी। कैंट से गोदौलिया के बीच जाम की भी समस्या काफी कम हो जाएगी। लोग बनारस घूमना चाहते हैं, मगर सोचते हैं कि इतना जाम में हम क्या घूमें। रोप-वे बन जाने से उनका बनारस घूमना सहज हो जाएगा। काशी में पीएम का स्वागत खास जरदोजी अंगवस्त्रम ्और मेटल की बनी चतुर्भुजी दुर्गा की मीनाकारी प्रतिमा देकर किया गया।
बनारस के लौंगलता से लेकर कचौड़ी तक की चर्च: पीएम ने कहा, एक साल के भीतर 7 करोड़ से ज्यादा पर्यटक काशी आए। ये लोग बनारस में ही ठहरे। यहां की गली में पूरी, कचौड़ी, लौंगलता, लस्सी, ठंडई, बनारसी पान का आनंद लिया। पीएम ने कहा कि जब काशी के लोगों ने 9 साल पहले विकास का संकल्प लिया था तब कई लोगों को लगता था कि बनारस में कोई बदलाव नहीं हो पाएगा। लेकिन काशी के लोगों ने करके दिखा दिया। देश के लोग विश्वनाथ धाम के विकास से मंत्रमुग्ध हैं। सबसे लंबे रीवर क्रूज की चर्चा हुई।
आठ करोड़ घरों में नल से जल : पीएम ने कहा, 9 साल में 8 करोड़ घरों में नल से पानी पहुंच रहा है। उज्जवला योजना का भी लोगों को फायदा मिला है। आप लोगों भले ही मुझे सरकार बोलें पर मैं तो अपने को आपका सेवक ही मानता हूं। सेवा ही कर रहा हूं।
50 लाख लोग हर माह आ रहे : उन्होंने कहा, हर महीने 50 लाख लोग वाराणसी आ रहे हैं। एयर कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए काम हुआ।
बाबतपुर एयरपोर्ट पर एटीसी टावर बनाया जा रहा है। गंगा के दोनों तरफ 5 किमी के दायरे में प्राकृतिक खेती कराने का प्लान है। इस दिशा में काम किया जा रहा है।
आज वाराणसी का लंगड़ा आम समेत छोटे शहर की सब्जियां विदेशों में एक्सपोर्ट होने लगी हैं। इससे किसानों को मदद मिलती है।

क्या है रोप वे की खासियतें
– यह दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा और लागत 644 करोड़ रुपए आएगी। आमतौर पर आपने हिल स्टेशन में रोप-वे देखें होंगे, लेकिन यह पहला रोप-वे होगा जिसे अर्बन ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
– पहले चरण में 3.8 किमी लंबा रोप-वे बनना है।
– रोप-वे में कुल 150 केबल कार या ट्रॉलियां होंगी ये सड़क से 164 फीट ऊंचाई पर दौड़ेंगी।
– हर डेढ़ से दो मिनट पर यात्रियों के लिए ट्रॉली उपलब्ध रहेगी।
– एक केबल कार पर 10 पैसेंजर सवार होंगे। एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे। यानी 6000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ-जा सकेंगे।
– रोप-वे का संचालन 16 घंटे होगा।
– भूमि अधिग्रहण, तार और पाइप शिफ्टिंग का काम तेजी से चल रहा है।
– दुनिया के केवल दो देशों में अर्बन ट्रांसपोर्ट रोप-वे है, तीसरा देश भारत है। वाराणसी देश का पहला शहर होगा जिसमें यह सुविधा मिलेगी।
– रोप-वे का निर्माण स्विट्जरलैंड की कंपनी बर्थोलेट और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (एनएचएलपीएल) मिलकर करेंगी। एनएचएलपीएल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि अभी बोलीविया के लापाज और मेक्सिको में अर्बन ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का इस्तेमाल किया जा रहा है।
– जंक्शन से गोदौलिया तक लगेंगे सिर्फ 17 मिनट। अभी ऑटो रिक्शा या बाइक से जाने में 45 मिनट लगते हैं। वाराणसी में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
– काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद करीब एक साल में 9 करोड़ भक्त पहुंचे हैं। यह संख्या बढ़ रही है।
– रोप-वे जिस इलाके से गुजरेगा वह शहर के सबसे व्यस्त इलाकों में हैं। यानी, इसके रूट पर दशाश्वमेध घाट, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर, गंगा घाट, बनारसी साड़ी मार्केट, जंगमबाड़ी मठ, दालमंडी, चौक, गिरजाघर, नई सड़क, लक्सा, रथयात्रा, सिगरा स्टेडियम, काशी विद्यापीठ और आईपी मॉल होंगे
– देश का पहला व दुनिया का तीसरा पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे
– 300 करोड़ से बनेगा सिगरा स्पोर्ट स्टेडियम
– सिगरा में 300 करोड़ रुपए की लागत से वर्ल्ड क्लास इडोर स्टेडियम बन रहा है। इसमें क्रिकेट ग्राउंड, फुटबाल ग्राउंड, एथलेटिक्स ट्रैक, चार लॉन टेनिस कोर्ट, बास्केटबाल कोर्ट, वॉलीबाल कोर्ट, दो कबड्डी कोर्ट ड्रेसिंग और कैफेटेरिया का निर्माण होगा। ओलिंपिक के 28 में से 24 खेल इसमें खेले जा सकेंगे।
– सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट
शहर के सीवेज का पानी सीधे गंगा में न मिले, इसके लिए बीएचयू के पास भगवानपुर में 55 एमएलडी शोधन क्षमता वाला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत यह 308 करोड़ रुपए में तैयार होगा। सामने घाट इलाके में गंगा के बाढ़ का पानी शहर में प्रवेश न करे, इसके लिए सवा 2 करोड़ की लागत से फ्लिपर गेट तैयार होगा।
– एलपीजी बॉटलिंग प्लांट
गुजरात के कांडला बंदरगाह से मध्य प्रदेश होते हुए गोरखपुर तक पाइप लाइन से एलपीजी की आपूर्ति परियोजना पर काम हो रहा है। वाराणसी के इसरवार गांव में एचपी बॉटलिंग प्लांट को सीधे एलपीजी मिलेगी। इस साल दिसंबर तक प्लांट से एलपीजी की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। यहां से वाराणसी समेत यूपी के 20 जिलों को एलपीजी सिलेंडर की नॉन स्टॉप आपूर्ति होगी।