नई दिल्ली। दिल्ली में दर्ज होने वाली एफआईआर में अब उर्दू और फारसी शब्दों का इस्तेमाल करने वाले पुलिसवालों पर एक्शन लिया जाएगा। पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि निर्देश का पालन नहीं करने को गंभीरता से लिया जाएगा और संबंधित अधिकारी पर उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सर्कुलर में उर्दू-फारसी के 383 शब्द दिए गए हैं, जिनका अनुवाद हिंदी और अंग्रेजी में दिया गया है। यानी एफआईआर में अब उर्दू-फारसी की जगह ये शब्द लेंगे। ब्रिटिशकाल से चले आ रहे उर्दू-फारसी के शब्दों का इस्तेमाल दिल्ली पुलिस एफआईआर में करती रही है। इन पर आपत्ति जताते हुए 2018 में हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका डाली गई। विशालाक्षी बनाम भारत सरकार के इस मामले में हाई कोर्ट ने आदेश पारित करते हुए कहा था कि एफआईआर शिकायतकर्ता के शब्दों में होनी चाहिए। बहुत अधिक जटिल भाषा, जिसका अर्थ खोजने के लिए शब्दकोशों का इस्तेमाल करना पड़े, उनका एफआईआर में इस्तेमाल नहीं किया जाए। पुलिस अधिकारी जनता के लिए काम कर रहे हैं, न कि उर्दू या फारसी में डॉक्टरेट की पदवी के लिए।